श्रद्धालु उमड़ेंगे। सभी जगह नदी में पानी गहरा है, लिहाज सुरक्षा कारणों से प्रशासन ने घाट प्रवेश रोक दिया। शनि मंदिर त्रिवेणी पर बगीचे में तो रामघाट पर अधिक पानी व फिसलन होने से रामानुजकोट क्षेत्र में फव्वारे लगाए गए हैं। ताकि श्रद्धालु नदी के गहरे पानी में ना जाएं। वहीं सिद्धवट पर भी सीढि़यों के नीचे जाना प्रतिबंधित रहेगा। संभागायुक्त अजीत कुमार, आइजी राकेश गुप्ता ने आला अधिकारियों के साथ चर्चा कर इस व्यवस्था को लागू कराया। घाटों पर महिला-पुरुष के लिए स्नान की पृथक व्यवस्थाएं रहेंगी।
सिद्धवट पर कड़ी निगरानी, फिसलन की चिंता
सिद्धवट घाट पर तर्पण, पितृ कर्म करने का विशेष महत्व है। यहां शनिवार को अमावस्या पर श्रद्धालुओं कि खासी भीड़ रहेगी। दूध चढ़ाने आने वाले श्रद्धालुओं को कतारबद्ध करने के लिए यहां बैरिकेडिंग की गई है। साथ ही कोई अंदर पानी में ना उतरे इसके लिए होमगार्ड जवान तैनात रहेंगे। सीढि़यों पर फिसलन होने से प्रशासन की चिंता बढ़ी हुई है। दूध चढ़ाने के लिए भी यहां लंबी कतार लगती है। पिछले साल भी आधे किलो मीटर लंबी कतार लगी थी। इसके चलते मंदिर में प्रवेश-निर्गम व पॉर्र्किंग के लिए भी जरूरी इंतजाम किए गए है।
इनका कहना –
लगातार बारिश से क्षिप्रा के घाटों पर पानी गहरा है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मद्देनजर घाट पर प्रवेश रोका गया है। सभी से अनुरोध है कि घाटों के समीप लगे फव्वारों में स्नान कर प्रशासन का सहयोग करें। निगरानी के लिए होमगार्ड दल तैनात रहेंगे।
शशांक मिश्रा, कलेक्टर