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अल्जाइमर: अपनी याददाश्त खो रहा इंसान, जाने क्या है कारण और इससे बचने के उपाय

तनाव और अनियमित दिनचर्या से 15 साल पहले आक्रमण करने लगी अल्जेइमर बीमारी, नियमित व्यायाम और खुश रहना से दूर रहती है ये रोग

उज्जैनSep 21, 2018 / 01:08 am

Lalit Saxena

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उज्जैन. तनाव, चिंता, फिक्र, अनियमित दिनचर्या भरे जीवन के चलते वर्तमान दौर मे मस्तिष्क की गंभीर बीमारी अल्जेइमर 15 साल पहले ही आक्रमण करने लगी है। आमतौर पर ये बीमारी 70 वर्ष के बाद देखी जाती थी, लेकिन आजकल 55 वर्ष के रोगी भी इस बीमारी से ग्रसित मिल रहे हैं।
जिला अस्पताल के मानसिक रोग चिकित्सक डॉ.सुरेश परदेशी ने बताया कि अल्जेइमर बीमारी मस्तिष्क की बेहद गंभीर बीमारी है। इसमंे मरीज याददाश्त खो बैठता है। रिश्तेदार, दोस्त, पढऩा-लिखना तक भूल जाता है। कभी-कभी तो मरीज जीवन भर तक इससे ग्रसित रहता है। गहरा सदमा, चिंता, फ्रिक इसकी मुख्य वजह है। लेकिन आज भी इस रोग के प्रति लोगों में जागरूकता की कमी है। मस्तिष्क से संबंधित गंभीर रोगों को आमजन रोग की श्रेणी में रखते ही नहीं है। जबकि यदि इन रोगों के शुरुआती दौर में ही इसका उपचार कर दिया जाए तो अल्जेइमर जैसी गंभीर बीमारी लगने की संभावना कम हो जाती है।
अन्य बीमारियों से ग्रसित होने के बाद आते हैं मरीज
डॉ.परदेशी ने बताया कि मानसिक बीमारियों के मरीज सीधे जिला अस्पताल नहीं पहुंचते। जब तक वे बीपी, शुगर सहित अन्य गंभीर बीमारियों के शिकार नहीं हो जाते हैं तब तक वे डॉक्टर को नहीं दिखाते हैं। अस्पताल में हर रोज एक ना एक मरीज एेसा आता ही है जो अन्य बीमारी के चलते अस्पताल पहुंचता है इसके बाद विशेषज्ञ चिकित्सक उसे साइकेट्रिस्ट के पास जाने की सलाह देते हैं। यहां आने के बाद पता चलता है कि मरीज गंभीर मानसिक रोग से ग्रसित है।
योग से दिमाग को स्वस्थ रखा जा सकता है
योग से न केवल तन-मन को बल्कि दिमाग को स्वस्थ रखा जा सकता है। योग प्रशिक्षक योगेंद्र नागर के अनुसार सुखासन तनाव को दूर करने का अच्छा उपाय है। योग के इस अवस्था को मेडिटेशन का भी नाम दिया जाता है। यह एक ऐसा योग है, जिसके जरिए आप मानसिक और शारीरिक थकावट को दूर कर सकते हैं। पद्मासन योग से स्मरण शक्ति को बढ़ाने में मदद मिलती है। यह ध्यान का आसन प्राचीन काल से ही भारत में प्रचलित है। पश्चिमोत्तानासन को करते वक्त पीठ में खिचाव उत्पन्न होता है, इसलिए इसे पश्चिमोत्तानासन कहा जाता है। यह आसन खासकर मेरुदंड को लचीला बनाने और उसकी मांसपेशियो को मजबूत बनाने में किया जाता है, लेकिन यह आसन याददाश्त शक्ति तेज करने में भी सहायक है। इसके अलावा यदि याददाश्त कमजोर है, तो इसे आप ध्यान की मदद से बढ़ा सकते है। ध्यान योग का सातवां अंग है। ध्यान के मात्र 10 मिनट के अभ्यास से आपकी स्मरणशक्ति बढ़ती है।

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