शहर के सभी प्रमुख बाजारों की सड़कें दुकानों के अतिक्रमण का बोझ झेल रही है। सड़कों पर कहीं ५ तो कहीं १० फीट तक दुकानों की सामग्री जमी रहती है। कई दुकानों के आगे तो सड़क के साथ ही शेड पर ही सामग्री टांग आधे रास्ते तक अतिक्रमण कर लिया जाता है। इससे न लोगों को आने-जाने के लिए पर्याप्त जगह मिलती है और नहीं दूर तक साफ नजर आता है। इधर नगर निगम व यातायात विभाग भी मुख्य बाजारों को दुकानों की सामग्रियों के इन अतिक्रण से मुक्त करने की कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। नतीजतन शहर के सभी प्रमुख बाजारों में अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है।
दुकान के बाहर डमी और बोर्ड
सती गेट-छत्रीचौक शहर का व्यस्ततम बाजार है। भीड़ की तुलना में यहां पहले से ही जगह की कमी है। स्थिति यह है कि वाहन पार्र्किंग के लिए बीच सड़क पर वाहनों की कतार बनाना पड़ती है। इसके बाद भी कई वाहनों के लिए जगह उपलब्ध नहीं हो पाती है। एेसी तंग स्थिति के बावजूद मुख्य मार्ग पर ही दुकानों का अतिक्रमण पसरा हुआ है। कई दुकानदार सड़क तक डमी रख रेडिमेट कपड़ों की प्रदर्शनी करते हैं तो प्लास्टिक, बेग आदि की दुकानों का सामान भी सड़क किनारे तक जमा रहता है। कई दुकानदार अपनी दुकान के स्टैंडी-बोर्ड सड़क पर रख रहे हैं। इससे यातायात व्यवस्था और भी प्रभावित हो रही है। कई बार यहां अतिक्रमण हटाने के लिए मुहिम चली लेकिन कुछ व्यापारी फिर सामग्री बाहर रखना शुरू कर देते हैं जिसके कारण अन्य दुकानदारों को भी अपनी दुकान सड़क तक लाना पड़ती है।
सड़कों पर बिल्डिंग मटेरियल की दुकान
एक ओर नगर निगम भवन निर्माण के दौरान सामग्री सड़क पर रखी मिलने पर जुर्माने की कार्रवाई कर रहा है वहीं बिल्डिंग मटेरियल की कई दुकानें ही सड़क पर चल रही हैं। आगररोड सहित विभिन्न क्षेत्रों में भवन निर्माण सामग्री की दुकानों का मटेरियल सड़क पर जमा कर व्यवसाय किया जा रह है और निगम इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।