महाकाल मंदिर परिसर उज्जैन शीघ्र ही अतिआकर्षक स्वरूप ग्रहण करने जा रहा है। आकर्षक लाइटिंग एवं साउंड सिस्टम स्थापित होने से महाकाल परिसर बिल्कुल नए रूप में दिखेगा । श्री महाकाल मंदिर परिसर विस्तार योजना के प्रथम चरण के कार्य 90 प्रतिशत पूर्ण हो गये हैं। कुल 714 करोड़ रूपए की परियोजना में से मध्यप्रदेश सरकार 421 करोड़ रूपये की धन राशि खर्च कर रही है। केंद्र सरकार के अंश 271 करोड़ के साथ ही प्रबंध समिति 21 करोड़ की राशि खर्च कर रही है।
यह जानकारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में एक उच्चस्तरीय बैठक में दी गई। बैठक में मुख्यमंत्री ने उज्जैन में संचालित निर्माण कार्यों और सौंदर्यीकरण योजनाओं की समीक्षा की। बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव नगरीय विकास मनीष सिंह, प्रमुख सचिव जनसम्पर्क राघवेंद्र कुमार सिंह और अन्य अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा श्री महाकाल मंदिर परिसर विस्तार योजना के कार्यों को आगामी 3 माह में व्यवस्थित रूप से पूर्ण कर लिया जाए। इन कार्यों के पूर्ण होने पर लोकार्पण की तिथि तय होगी। इसके लिए मुख्यमंत्री चौहान दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री मोदी को आमंत्रित करेंगे और लोकार्पण का अनुरोध करेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बैठक में निर्देश दिए कि महाकाल मंदिर के अलावा उज्जैन के अन्य मंदिरों और दर्शनीय स्थानों का इस तरह विकास हो और अन्य गतिविधियां भी संचालित हों जिससे श्रद्धालु और पर्यटक एक दो दिन रुकना चाहें। श्रद्धालु यहां की यात्रा के बाद पूर्ण आनंद और संतोष का भाव लेकर जाएं।
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महाशिवरात्रि पर उज्जैन जगमगाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी महाशिवरात्रि एक मार्च को उज्जैन में घर-घर में दीप जलाए जाएं । इसमें व्यापक जनभागीदारी हो। महाकाल महाराज मंदिर परिसर उज्जैन की विस्तार योजना के कार्यों की विस्तार से समीक्षा करने हुए निर्देश दिए कि यहां कोटि तीर्थ शुद्ध जल से भरा रहे और यह क्षेत्र भव्यता और दिव्यता के अनुभव करवाए। क्षिप्रा में जल का प्रवाह बना रहे। देश में अक्षरधाम जैसे स्थानों की तरह बल्कि उससे भी श्रेष्ठ जनाकर्षण उज्जैन के स्थानों पर रहे, इसके प्रयास हों। सिंहस्थ के लिए भी स्थायी महत्व के कार्य किए जायें। जो कार्य शेष हैं उन्हें व्यवस्थित रूप से पूर्ण किया जाए। महाकाल मंदिर परिसर में प्रथम और द्वितीय चरण में मिलाकर राज्य सरकार की ओर से 421 करोड़ रुपए की राशि विभिन्न कार्यों पर खर्च की जा रही है। भारत सरकार द्वारा 271 करोड़ की राशि व्यय हो रही है।