उज्जैनPublished: Aug 29, 2018 01:16:34 am
Lalit Saxena
1 केंद्र, 45 गांव, 4000 किसानों के होने हैं पंजीयन, अब तक केवल 550 पंजीयन हुए
1 केंद्र, 45 गांव, 4000 किसानों के होने हैं पंजीयन, अब तक केवल 550 पंजीयन हुए
खाचरौद. भावान्तर योजना के अंतर्गत हाल ही में सोयाबीन सहित अन्य खरीफ लिए इस बार शासन ने भावान्तर पंजीयन प्रारंभ कर दिए है, क्योंकि पिछले साल योजना प्रारम्भ की गई थी और तुरंत पंजीयन के समय कई परेशानियों का सामना शासन और किसानों को करना पड़ा था और इसको लेकर इस बार पहले से ही पंजीयन प्रारम्भ हो चुके हैं जो कि 10 अगस्त से प्रारम्भ होकर 11 सितम्बर तक चलेंगे। हाल ही में होने वाले पंजीयन के अंतर्गत किसानों को कहीं ना कहीं परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं इस परेशानी की वजह पंजीयन की साइड का नेटवर्क है।
स्थानीय मार्केटिंग सोसायटी केन्द्र पर लगभग 45 ग्राम के 4000 किसानों का सोयाबीन सहित अन्य फसलों के लिए पंजीयन होना हैं और 28 अगस्त तक 550 किसानों का पंजीयन हो गया हैं तथा अभी भी 3500 किसानों का पंजीयन होना बाकी है। जबकि वर्तमान में जो निर्धारित तारीख शासन के द्वारा की गई हैं उसके अनुसार मात्र 13-14 दिन ही पंजीयन में शेष बचे हैं। ऐसे में सभी किसानों का पंजीयन हो पाना संभव नहीं दिखाई दे रहा हैं। वहीं मार्केटिंग सोसाइटी केन्द्र पर 3 ऑपरेटरों के द्वारा पंजीयन किया जा रहा हैं, किंतु नेटवर्क की समस्या के कारण आए दिन इंटरनेट नहीं चलने के कारण बहुत ज्यादा पंजीयन नहीं हो पा रहे हैं और ऐसे में किसानों को दिनभर खड़े रहने के बाद भी बिना पंजीयन के घर लौटना पड़ रहा हैं।
मोबाइल नम्बर अनिवार्य
भावान्तर योजना अंतर्गत होने वाले पंजीयन में मोबाइल नम्बर अनिवार्य हैं, क्योंकि पंजीयन के दौरान पंजीयन फार्म पूरा भराने के बाद मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आता हैं और इस ओटीपी को उस फार्म के साथ सब्मीट करने के बाद ही पंजीयन पूर्ण होता हैं। ऐसे में पंजीयन के दौरान कतार में किसानों को पंजीयन करते समय उक्त मोबाइल के साथ स्वयं उपस्थित होना अनिवार्य रहता हैं।
नेट की समस्या के कारण भी बड़ी दिक्कत
पंजीयन के दौरान सबसे ज्यादा समस्त नेटवर्क को लेकर आ रही हैं। नेटवर्क के कारण नेट की स्पीड या तो मिलती नहीं या मिलती हैं तो साइट ठीक से नहीं चल रही हैं।
एक खाता तो भी होगा पंजीयन
भावान्तर योजना के अंतर्गत होने वाले पंजीयन में अब तक एक राष्ट्रीकृत बैंक तो दूसरा जिला सहकारी बैंक का खाता अनिवार्य था, किंतु अब नए निर्देशों के अनुसार किसी भी एक बैंक में खाता होने पर किसान खरीफ की फसल का पंजीयन करवा सकता हैं। वहीं पंजीयन के लिए किसान को पावती के साथ में खसरा नकल की कॉपी के साथ समग्र आइडी, आधार कार्ड और निर्धारित प्रारूप में भरा हुआ आवेदन भी जमा करवाना होगा।
&साइड कमजोर चलती हैं, संस्था द्वारा 3 लैपटॉप के साथ 3 ऑपरेटर रखे गए हैं। गांव अधिक होने से पंजीयन में समस्या आ रही हैं। अन्य केन्द्र खोलने बाबत पूर्व में जिला अधिकारियों से निवेदन किया जा चुका है। कम से कम 2 या 3 केन्द्र खोले जाना चाहिए।
आनन्दीलाल उपाध्याय, प्रबंधक मार्केटिंग सोसाइटी खाचरौद