रातभर में तैयार होता है सेहरा
बाबा महाकाल को धारण कराया जाने वाला सेहरा रातभर में तैयार होता है। इसके लिए पुजारी-पुरोहित और फूल लाने वाले लोग रातभर बैठकर इसे तैयार करते हैं। मंत्रोच्चारण के साथ साथ यह तैयार किया जाता है।
सप्तधान्य मुघौटा पर बंधता है सेहरा
महाकाल ज्योतिर्लिंग पर सप्तधान्य का मुघौटा रखकर उस पर सवा क्विंटल फूलों से सेहरा चढ़ाया जाता है। इस मुघौटे में सात प्रकार का अनाज भी रखा जाता है। इसमें विभिन्न प्रकार के अनाजों को फूलों के साथ गूंथा जाता है।
पुष्प मुकुट धारण कर दिव्य रूप में दिए दर्शन
सुबह 4 बजे से बाबा महाकाल को पुष्प मुकुट चढऩा प्रारंभ हुआ और 6 बजे सेहरा आरती हुई। 11.३० बजे से पुष्प मुकुट उतरना प्रारंभ हुआ। दोपहर 12 से 2 बजे तक भगवान महाकाल की भस्म आरती हुई। दोपहर 2.30 से 3 बजे तक भोग आरती के बाद ब्राम्हण भोज आयोजित किया गया।