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उज्जैन

विक्रम विवि के किताब खरीदी घोटाले में बेजवाब क्यों हैं अधिकारी

एक साल पहले गठित हुई जांच कमेटी, उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारी भी जांच को लेकर गंभीर नहीं

उज्जैनOct 08, 2018 / 01:08 am

Lalit Saxena

patrika

Ujjain,Vikram University,

उज्जैन. विक्रम विश्वविद्यालय के किताब खरीदी प्रक्रिया की शिकायतों के जवाब विवि अधिकारी नहीं दे रहे हैं। उच्च शिक्षा विभाग ने करीब एक वर्ष पहले जांच कमेटी का गठन किया। शासन की कमेटी ने जांच को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई। मामला हाइकोर्ट में गया और शिकायत के निराकरण करने का आदेश हुआ। इसके बाद जांच कमेटी सक्रिय हुई। शासन की तरफ से विवि के अधिकारियों को पत्र भेजकर बिंदूवार जानकारी मांगी गई, लेकिन विक्रम विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने शासन के पत्र का जवाब नहीं दिया। इसके बाद शासन एक बार फिर स्मरण पत्र भेजा, लेकिन विवि प्रशासन की तरफ से कोई जवाब नहीं गया। बता दें कि पिछले दो माह से शासन की तरफ से लगातार विश्वविद्यालय से जवाब मांगा जा रहा है, लेकिन विवि के अधिकारियों द्वारा जवाब देना टाला जा रहा है।
यह है मामला
विक्रम विश्वविद्यालय में वर्ष २०१५ और २०१६ में शासन के नियमों को ताक पर रखकर किताब खरीदी की गई। इस किताब खरीदी की शिकायत जनवरी २०१६ में इओडब्ल्यू से हुई। साथ ही राजभवन और उच्च शिक्षा विभाग को भी शिकायत भेजी गई। इओडब्ल्यू की तरफ से उच्च शिक्षा विभाग को पत्र भेजकर संबंधित विषय पर पूरी जानकारी चाही। यह पत्र जून २०१७ को शासन की तरफ से भेजा गया। शासन ने जांच कमेटी का गठन भी कर दिया, लेकिन करीब एक साल गुजर जाने के बाद भी विवि के अधिकारी किताब खरीदी का जवाब नहीं दे रहे हैं।
जवाब तैयार करने में आ रही उलझन
विक्रम विश्वविद्यालय के अधिकारी लगातार शासन के नियम विश्वविद्यालय पर लागू नहीं होने का दम भर रहे थे, लेकिन वर्ष २०१२ में राजभवन की तरफ से एक पत्र भेज गया। इस पत्र में कुलपति और कुलसचिव को शासन के सभी नियमों के पालन करने के लिए जिम्मेदारी दी गई। पत्र में लिखा है कि कार्यपरिषद शासन के नियमों के विरुद्ध काम नहीं कर सकती है। अगर वह कोई एेसा निर्णय लेती है, जो शासन के नियमों के विपरीत है, तब विवि अधिकारियों को निर्णय पर अमल करने से पूर्ण शासन ने अनुमति लेनी होगी। यह पत्र अंगीकृत किया जा चुका है। दूसरी तरफ विक्रम विवि प्रशासन की कार्यपरिषद ने बिना निविदा जारी किए अनुबंध करने और निगोशिएशन प्रतिबंधित होने के आदेश का उल्लघंन का आरोप है।
इनका कहना है
शासन को दिए जाने वाला जवाब तैयार है। जवाब अनुमोदन के लिए कुलपति के पास गया है। फाइल आते ही जवाब दे दिया जाएगा।
डीके बग्गा, प्रभारी कुलसचिव।

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