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उज्जैन

थोक सब्जी लाने वाले किसानों से दलाल अब नहीं ले सकेंगे कमीशन

कलेक्टर से शिकायत के बाद एसडीएम ने दिए आदेश, कमीशन लेने वाले दलालों पर होगी धारा 188 एवं कृषि मंडी अधिनियम के तहत कार्रवाई

उज्जैनApr 24, 2019 / 12:40 am

Mukesh Malavat

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नागदा. आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से जो किसान थोक में सब्जी लेकर शहर पहुंचते है। सब्जी नीलामी के नाम पर दलालों द्वारा अब उनसे कमीशन लेने पर एसडीएम आरपी वर्मा ने रोक लगा दी है। एसडीएम ने अपने आदेश में कहा है कि जो भी दलाल किसानों से कमीशन की मांग करेगा, उसके खिलाफ धारा 188 एवं कृषि मंडी अधिनियम की धारा के तहत कार्रवाई की जाएगी। दरअसल इस सबंध में एक व्यक्ति ने कलेक्टर को लिखित में शिकायत की थी, जिसमें उसने शहर के एक दर्जन से ज्यादा दलालों के नाम उजागर करते हुए आरोप लगाया था कि जो किसान थोक में सब्जी लेकर शहर आते हैं। उनकी सब्जी की निलामी कराने वाले दलाल उनसे 8 प्रतिशत कमीशन वसूल रहे है। जिला कलेक्टर ने उक्त शिकायत की जांच और कार्रवाई के लिऐ नागदा एसडीएम को भेजा था, जिस पर कार्रवाई करते हुए एसडीएम वर्मा ने किसानों से कमीशनखोरी पर रोक लगा दी है। नागदा-खाचरौद तहसील को बंपर सब्जी पैदावार के नाम पर पूरे देश में जाना जाता है। यहां की सब्जियां न केवल आसपास के क्षेत्रों मे बल्कि देश के अन्य राज्यों में भी यहां की सब्जी की अच्छी खासी मांग होती है। यहां सैकड़ों की संख्या में किसान अपनी फसल लेकर पहुंचते हैं।
यह है नियम
नियमानुसार किसानों को अपनी सब्जी की उपज का पूरा मूल्य मिलना चाहिए। आड़तियों द्वारा किसानों से सब्जी बिकवाली का एक रुपया कमिशन के तौर पर नहीं लिया जा सकता है और सब्जी नीलामी का कार्य भी वहीं आड़तियें कर सकते है जिनके लायसेंस कृषि उपज मंडी ने जारी किए है। लायसेंसी आड़तिये को उन सब्जी वालों से निश्चित कमिशन वसूलने का प्रावधान है, जो किसानों से सब्जियां खरीदकर लोगों को बेचते हैं, लेकिन नागदा जैसे शहर में आड़तियों द्वारा सब्जी विक्रेता से कमीशन लेने की बजाये सब्जी की पैदावार करने वाले किसानों से कमीशन वसूला जा रहा है।
यह है परेशानी
दरअसल इस व्यवस्था के पीछे भी प्रशासनिक लापरवाही की बड़ी वजह है। कारण सब्जी नीलामी का काम करने वाले आड़तियें तो नियमानुसार लायसेंस बनवाने के लिये राजी हैं, लेकिन इसके लिए उन्हे वह सारी व्यवस्थाएं चाहिए जो आमतौर पर दूसरे शहरों की कृषि उपज मंडी उपलब्ध कराती है। उदाहरण के तौर पर सब्जी नीमाली के लिये पर्याप्त स्थान के अलावा सब्जियां रखने के लिए गोदाम, पर्याप्त बैठक व्यवस्था इत्यादि। परेशानी यह है कि वर्तमान में जो कृषि उपज मंडी है, वहां इतनी जगह नहीं है कि किसानों की उपज खरीदने के अलावा सब्जी नीलामी का कार्य भी किया जा सकें। इसलिये अभी तक यह कार्य बिना नियमानुसार ही किया जा रहा हैं, जिसका नुकसान सब्जी पैदावार करने वाले किसानों को उठाना पड़ रहा है।
अब होगी कार्रवाई
एसडीएम आरपी वर्मा का कहना है कि उन्हें जिला कलेक्टर कार्यालय से इस सबंध में एक शिकायत पत्र मिला था, जिसमें उन्हे जांचकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। जांच में शिकायत सही पाई गई है। लिहाजा किसानों के हक में आदेश जारी कर दिया गया। आदेश में कहा है कि जो भी सब्जी नीलामी के एवज में किसानों से कमिशन की मांग करेगा या लेगा उसके खिलाफ धारा 188 एवं कृषि उपज मंडी अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।

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