उज्जैन. भारतीय रेल विभाग (रतलाम मंडल भी) 17 से 25 सितंबर तक स्वच्छ रेल, स्वच्छ भारत – स्वच्छता सप्ताह मना रहा है। इस दौरान 9 दिन तक ट्रेन व स्टेशन पर स्वच्छता के साथ लोगों के बीच जागरूकता अभियान संचालित करना है, लेकिन रेलवे का यह अभियान पूरी तरह से कागजी साबित हुआ।
स्वच्छ पर्यावरण थीम
अभियान के निर्देश के अनुसार पहले दिन स्वच्छ पर्यावरण थीम पर काम होना था। इसके तहत स्टेशन परिसर की पेड़ों की कटाई-छंटाई कर व्यवस्थित करना और सफाई काम करना था, लेकिन जमीनी हकीकत यह रही कि लोग तो दूर अधिकारी ही जागरूक नहीं हो पाए। उज्जैन रेलवे स्टेशन की स्थिति सामान्य दिनों जैसी रही। मुख्य द्वार देवास गेट पसिर में स्थित छोटे पार्क में गंदगी का ढेर लगा हुआ था। इस कचरे में पॉलीथिन का भण्डार था। एेसी ही स्थिति पेड़-पौधे वाले सभी स्थान पर थी। इसी के साथ पेड़-पौधे भी अपनी पुरानी अवस्था में रहे।
गार्डन की स्थिति जस की तस
रेलवे ने सिंहस्थ के दौरान निर्माण पर काफी ध्यान दिया, लेकिन परिसर में स्थित इकलौते गार्डन की स्थिति जस की तस रही। रेलवे स्टेशन पर काम करने वाले कुलियों ने इसमें साफ-सफाई की। साथ ही वह कई बार अधिकारियों से इस संबंध में मांग भी कर चुके हैं। अभियान के तहत रविवार को स्वच्छ स्टेशन थीम पर काम होगा। ए1 व ए श्रेणी के स्टेशनों पर स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा। सफाई मशीनों की उपलब्धता, कार्य को जांचा जाएगा। कचरा पेटी के प्रयोग की भी समीक्षा होगी।