करीब 6 महीने बाद मंगलवार को हुआ नगर निगम सम्मेलन पूरे दिन हंगामे भरा रहा और चार बार विरोध की स्थिति बनी। बड़ा बवाल, एजेंडे से सदावल तालाब में मछली पकडऩे के प्रस्ताव को बाले-बाले बैठक के एजेंडे से हटाने को लेकर हुआ। महापौर ने इस पर कड़ी आपत्ति लेते हुए अधिकारियों को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि एमआइसी बैठक में निगमायुक्त, पीएचई कार्यपालन यंत्री धर्मेंद्र वर्मा भी मौजूद थे। यदि उन्हें कोई आपत्ति थी तो उसी समय बता देते, बाद में बिना जानकारी दिए किसकी अनुमति से प्रस्ताव हटाया गया। नाराज महापौर सदन छोड़कर अपने कक्ष में चली गईं। अध्यक्ष गेहलोत ने उन्हें रोका लेकिन वे नहीं मानी। महापौर के पीछे एमआइसी सदस्य व कई महिला पार्षद भी सभा कक्ष से बाहर चली गईं। अचानक हुए घटनाक्रम पर कांग्रेस पार्षद माया त्रिवेदी ने कहा, यह इतिहास बन गया है जब अपने ही बोर्ड की बैठक से महापौर को इस तरह जाना पड़ा हो, यह लोकतंत्र की हत्या है। उन्होंने अध्यक्ष को भी कहा कि अधिकारी आपके नियंत्रण में नहीं है। महापौर के जाने के बाद एमआइसी सदस्य कलावती यादव ने अध्यक्ष गेहलोत से कहा, अधिकारी सदन को गंभीरता से नहीं लेते हैं, सवालों के जवाब भी ठीक से प्रस्तुत नहीं किए जाते। उन्होंने इस उक्त मामले में जांच व दोषी अधिकारी पर कार्रवाई की मांग की। करीब 10 मिनट तक सदन की कार्रवाई प्रभावित हुई और फिर निगम अध्यक्ष ने 15 मिनट के लिए सदन स्थगित कर दिया। निगम अध्यक्ष और अन्य पार्षदों की समझाइश के बाद महापौर बैठक में आने को राजी हुई और सदन शुरू किया जा सका।
निगमायुक्त को जांच के निर्देश
दूसरी बार सदन शुरू होने पर सभापति गेहलोत ने निगमायुक्त को मामले की जांच करने और संबंधित अधिकारी को पत्र जारी कर यह जानकारी लेने के निर्देश दिए कि किन कारणों से उक्त प्रस्ताव हटाया गया।
शहर के बाहर निगम नहीं देगा पानी
शहरी सीमा से सटी देवासरोड की कुछ कॉलोनियों में पीएचई की पाइप लाइन डालने और निगम द्वारा जलप्रदाय करने के प्रस्ताव पर पार्षदों ने आपत्ति ली। ज्यादातर पार्षदों का कहना था कि पहले शहर के अंदर की पेयजल व्यवस्था पूरी तरह दुरस्त की जाए फिर बाहर का विचार करें। आपत्ति के चलते निगम अध्यक्ष ने प्रस्ताव निरस्त कर दिया।
हंगामा-2
पार्षद त्रिवेदी से कहासुनी, धरने पर बैठे व्यास
सदन की शुरुआत में ही कांग्रेस पार्षद माया त्रिवेदी ने उन्हें जारी संपत्तिकर वसूली के नोटिस पर आपत्ति ली। वह इस मुद्दे को लेकर निगमायुक्त की टेबल के पास पहुंची तो निगमायुक्त ने इसे व्यक्तिगत विषय बताया। पार्षद संतोष व्यास सहित अन्य पार्षदों ने भी एजेंडे से हटकर व्यक्तिगत विषय पर चर्चा करना का विरोध किया। माया त्रिवेदी ने व्यास पर नाराजगी जताई और सदन के बाहर देख लेने तक की बात हो गई। नाराज व्यास सभागक्ष से बाहर आए और धरने पर बैठ गए। निगम अध्यक्ष व अन्य पार्षदों ने समझाकर उन्हें सभाकक्ष में बुलाया।
20 को होगा विशेष सम्मेलन
महापौर की नाराजगी के चलते अब नगर निगम का विशेष सम्मेलन बुलाने का निर्णय लिया है। 20 सितंबर को विशेष सम्मेलन होगा। इसमें सदावल तालाब के प्रस्ताव के साथ ही ई-बस व कुछ अन्य प्रस्ताव शामिल रहेंगे।
हंगामा-2
हमारे-तुम्हारे सीएम पर हुई बहस
कमरीमार्ग चौड़ीकरण के प्रभावितों को मुआवजा देने के प्रस्ताव पर पार्षद सपना सांखला ने विलंब पर सवाल उठाया और केडी गेट मार्ग के लिए मुआवजा सर्वे कर शासन को प्रस्ताव भेजने का कहा। भाजपा पार्षदों ने आरोप लगाया कि जब से प्रदेश में कमलनाथ सरकार बनी है, आठ महीने से योजनाएं बंद हो गई हैं तो मुआवजा कैसे मिलेगा। एमआइसी सदस्य डॉ योगेश्वरी राठौर ने कहा, पेंशन योजना बंद पड़ी हैं। भाजपा पार्षदों ने कहा, हमारे मुख्यमंत्री का फोटो लगा था इसलिए संबल योजना बंद कर दी है। कांगे्रस पार्षद जफर सिद्दीकी ने कहा, हमारे मुख्यमंत्री को बदनाम किया जा रहा है। दोनों दलों के पार्षदों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाते हुए हंगामा किया और सभापति की आसंदी के सामने खड़े हो गए। कांग्रेस ने यूएमसी बोर्ड मुर्दाबाद तो भाजपा ने संबल याजना चालू करो के नारे लगाए।
हंगामा-3
कांग्रेस ने पूछा, गाय माता है तो ठेके पर क्यों दे रहे
कपिला गोशाला को ठेके पर देने के प्र्रस्ताव पर कांगे्रस पार्षद विजयसिंह दरबार ने कहा, जब गाय हमारी माता है तो फिर हम गाय माता को ठेके पर क्यों दे रहे हैं। एमआइसी सदस्य सत्यनारायण चौहान ने कहा, गाय को नहीं व्यवस्था को ठेके पर दे रहे हैं। वार्ड 50 के पार्षद विकास मालवीय ने कहा, ऋषिनगर में शूकर की काफी समस्या है। सड़कें भी खराब हो गई हैं। कांग्रेस पार्षद प्रमिला मीणा ने कहा, आवारा पशुओं से काफी समस्या है। मेरे ही क्षेत्र में दो बाड़े हैं, जिन्हें हटाने की मांग कर चुकी हूं लेकिन कार्रवाई नहीं होती। मवेशी सड़कों पर गंदगी करते हैं और कर्मचारी साफ करने से इनकार कर देते हैं। वार्ड १ के भाजपा पार्षद संजय कोरट ने मीणा द्वारा स्टैडर्ड शब्द के उपयोग पर आपत्ति लेते हुए विरोध जताया और सदन छोड़कर जाने लगे। मीणा द्वारा खेद जताने पर कोरट माने।
इन प्रमुख प्रस्तावों पर निर्णय
महाकाल स्थित रेस्टोरेंट- महाकाल मंदिर के पीछे स्थित नवनिर्मित रेस्टोरेंट को लेकर अधिकांश पार्षदों ने इसे सशर्त महाकाल मंदिर समिति को देने का प्रस्ताव रखा। हस्तांतरण की सैद्धातिंक स्वीकृति देने के साथ अध्यक्ष ने पहले भवन उपयोग की योजना प्रस्तुत करने का कहा। तब तक हस्तांतरण नहीं होगा।
मल्टीलेवल पार्र्किंग- छत्रीचौक मल्टीलेवल पार्र्किंग को ठेके पर देने का निर्णय लिया। प्राप्त टेंडरों पर निर्णय पर ठेका अवधि के लिए समिति को अधिकृत किया।
कपिला गोशाला- यदि कोई संस्था सेवाभाव से नि:शुल्क ठेके पर लेना चाहेगी तो गोशाला ठेके पर देंगे। इसके अलावा महाकाल मंदिर समिति को भी गोशाला संचालन का प्रस्ताव भेजेंगे। अन्यथा निगम ही इसका संचालन करेगा।
निर्माल्य से अगरबत्ती- प्रमुख मंदिरों से निकलने वाले निर्माल्य का खाद, अगरबत्ती बनाने में उपयोग होगा लेकिन जमीन विवाद में उलझे प्लांट के लिए पहले नई जगह तलाशी जाएगी।
गंभीर से जुड़ेगी नर्मदा- एनवीडीए की पाइप लाइन को गंभीर डेम तक विस्तारित किया जाएगा। इसके साथ ही एनवीडीए की लाइन को त्रिवेणी बैराज तक भी लाया जाएगा। इससे त्रिवेणी और गंभीर डेम तक
नर्मदा का पानी सीधे पहुंच सकेगा।
विकास व सौंदर्यीकरण- गंधर्व तालाब का विकास होगा। सेंटपाल स्कूल के नजदीक शहीद स्तंभ निर्माण। पुरुषोत्तम सागार का विकास।
और सदन में यह भी
– सदन में माइक व कूलिंग सिस्टम खराब होने से पार्षद परेशान हुए।
– सदन में निगमायुक्त की मौजूदगी पर शुरुआत में ही पार्षद माया त्रिवेदी ने कहा, आज तो ईद है। ईद का चांद निकला है।
– निगम में डिस्पोजल व प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया। सदन में इसकी शपथ ली और प्लास्टिक प्लेट में ही नाश्ता आया।