सप्ताह में चार दिन बाबा महाकाल को जल चढ़ा सकेंगे कावड़ यात्री, तीन दिन आम श्रद्धालुओं की तरह आना होगा
महाकाल मंदिर में कावड़ यात्रियों के तय हुई व्यवस्था
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उज्जैन. श्रावण-भादौ मास में बाबा महाकाल को जल अर्पित करने आने वाले कावड़ यात्रियों को सप्ताह में चार दिन प्रवेश की विशेष सुविधा मिलेगी। शेष अन्य दिनों में आने पर आम श्रद्धालुओं की तरह ही मंदिर में जाने दिया जाएगा। कावडि़यों को मंदिर प्रबंध समिति की ओर से स्थापित पात्र से ही जल अर्पित करने की अनुमति होगी।
श्रावण-भादौ मास में विभिन्न प्रांतों के जिलों से श्रद्धालु पवित्र नदियों और कुण्ड-सरोवरों का जल कावड़ में लेकर बाबा महाकाल को अर्पित करने आते हैं। पिछले कुछ वर्षों से कावड़ यात्रियों की संख्या में लगातार वृद्धि होती जा रही है। अनेक सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक संगठन भी इसमें शामिल होते हैं, जो श्रद्धालुओं के समूह के साथ महाकाल मंदिर आने लगे हैं। कावड़ यात्रियों की अधिकता और शनिवार, रविवार, सोमवार को आम श्रद्धालुओं की अधिक संख्या के कारण मंदिर में दर्शन की व्यवस्था प्रभावित नहीं हो, इसके लिए मंदिर समिति ने सप्ताह के चार दिन कावड़ यात्रियों को अलग मार्ग से मंदिर में प्रवेश देने की योजना तैयार की है। इसके तहत कावडि़यों को मंगलवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार को भस्मआरती द्वार से मंदिर से प्रवेश दिया जाएगा। वे भस्मआरती के बाद सुबह 6 बजे से अपराह्न 4 बजे तक भगवान को जल अर्पित कर सकते हैं। इस दौरान आम दर्शन व्यवस्था जारी रहेगी। शनिवार, रविवार और सोमवार को प्रवेश की यह सुविधा नहीं होगी। इस तीन दिनों में आने वाले कावड़ यात्रियों को आम श्रद्धालुओं की कतार से ही मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा।
सभामंडप में जल पात्र
मंदिर प्रबंध समिति ने प्रारंभिक तौर पर तय किया है कि श्रावण मास में महाकाल के गर्भगृह में प्रवेश प्रतिबंधित रखा जाएगा। एेसे में श्रद्धालु और कावड़ यात्रियों को बाबा महाकाल को जल चढ़ाने के लिए सभामंडप में जल पात्र लगाए जा रहे हैं। पाइप के माध्यम से जल भगवान महाकाल को अर्पित होगा। आम श्रद्धालुओं को मंदिर में ही जल उपलब्ध होगा। इसके लिए आरओ प्लांट से नल कनेक्शन किए जा रहे हैं।
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