डिलिवरी के लिए आ रहे इंदौर
बिहार निवासी रंजू (२९) पति नंदलाल रजक शुक्रवार को राजेंद्रनगर-इंदौर ट्रेन क्रमांक १९३२१ से राजेंद्र नगर पटना से चले। रंजू को ९ माह का गर्भ था। उसकी डिलिवरी निकट आने के चलते जेठ सूर्यकुमार पिता रामेश्वर और जेठानी उसे इंदौर लेकर आ रहे थे। जेठ ने बताया कि वे इंदौर में दरवाजे फिटिंग का काम करते हैं। २७ अगस्त को मां शांतिदेवी की दुर्घटना में मौत हो गई थी, जिसके चलते वे पत्नी सहित बिहार के छपरा गांव गए हुए थे। गांव में छोटा भाई अकेला पड़ गया था। उसे चिकित्सीय ज्ञान कम है। इसके अलावा गांव से अस्पताल ६० किमी दूर है, जिसके चलते रंजू को पत्नी ने साथ में इंदौर लेकर आने का निर्णय लिया था, लेकिन बेरछा के समीप उसे प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। ट्रेन में ही उनके साथ सफर कर रही तराना निवासी महिला प्रेमबाई और अन्य मिलकर डिलिवरी करवाई। उसने बेटे को जन्म दिया।
मक्सी में एंबुलेंस
सूर्यकुमार ने बताया उन्होंने रेलवे सुरक्षा बल के कर्मचारी को फोन लगाया। मक्सी में ही लाइफ सेविंग एंबुलेंस का इंतजाम कर दिया। चिकित्सक ने जांच के बाद रंजू और शिशु दोनों की हालत सामान्य बताई। जिसके चलते उज्जैन पहुंचकर चरक अस्पताल में दोनों को भर्ती किया।
आईसीयू में भर्ती
शिशु की डिलिवरी ट्रेन में हुई थी। जिससे इंफेक्शन होने की ज्यादा आशंका रहती है। इसलिए शिशु को एसएनसीयू वार्ड में भर्ती किया गया है। उसकी हालत फिलहाल सामान्य है।
डॉ.दिलीप वास्के, एसएनसीयू प्रभारी