फंड नहीं होने के कारण करीब 1500 लोगों के घर का सपना नहीं हो पा रहा है पूरा
उज्जैन•Feb 19, 2019 / 01:28 am•
Gopal Bajpai
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नागदा. फंड की कमी से जूझ रही प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के फंड को भी वापस ले लिया है। योजना के क्रियान्वयन के लिए नागदा नगरपालिका को करीब 6 करोड़ रुपए की राशि पिछली सरकार ने विधानसभा चुनाव के पूर्व जारी की गई थी, लेकिन विधानसभा चुनाव एवं आचार संहिता प्रभावी होने के कारण राशि का उपयोग नहीं हो सका था। इस बीच प्रदेश में नई सरकार का गठन हो गया और प्रदेश सरकार द्वारा फंड की कमी की चुनौती से निपटने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए भेजी राशि को वापस बुला ली गई। सरकार के इस फैसले से करीब 1500 परिवार के मकान बनाने का सपना अधूरा रह गया है।
मिली जानकारी के मुताबिक नगरपालिका के पास फंड नहीं होने के कारण विधानसभा चुनाव के बाद से किसी भी व्यक्ति को योजना की किश्त जारी नहीं हो सकी है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहर में अभी तक कुल 1329 गरीब परिवारों को रहने के लिए पक्के मकान मिल चुके है, जबकि 1500 नए प्रकरणों में डीपीआर बनकर तैयार है, लेकिन नपा के पास राशि नहीं होने के कारण पिछले अक्टूबर माह से ही योजना पर कोई काम नहीं हो सका है। खास बात यह है कि शहर में ऐसे भी कई लोग है फंड की कमी के कारण योजना की अंतिम किस्त अटक गई है, जबकि डेढ़ हजार ऐसे परिवार है, जिन्हें अभी तक एक भी किस्त नहीं मिली है और यह सभी लोग राशि के लिए नपा के चक्कर लगा रहे हैं।
नगर पालिका के पास आवास योजना के लिए 6 करोड़ रुपए की राशि का आवंटन किया गया था, जिसे राज्य शासन ने वापस ले लिया है। जिसके कारण योजना के क्रियान्वयन में परेशानी आ रही है। सरकार जब भी योजना की राशि देगी, तत्काल हितग्राहियों के खातों में डाल दी जाएगी।
अशोक मालवीय, नपाध्यक्ष
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आधा दर्जन प्राथमिक विद्यालयों में सफाईकर्मी नहीं होने से सफाई व्यवस्था में आ रही है परेशानी
शिक्षकों ने ज्ञापन सौंपा, सफाईकर्मी की नियुक्त करने की मांग
नागदा. शहर में करीब आधा दर्जन प्राथमिक शालाओं में सफाईकर्मी नहीं होने के कारण यहां की सफाई व्यवस्था बुरी तरह से चरमरा गई है। सोमवार को इन शालाओं के अध्यापक-अध्यापिकाओं ने नपाध्यक्ष अशोक मालवीय को ज्ञापन सौंप कर समस्या के निराकरण की मांग की है। अध्यापकों का कहना था कि विभाग या सरकार द्वारा प्राथमिक शालाओं में सफाई के लिए कोई भी सफाईकर्मी की नियुक्ति नहीं किए जाने से स्कूल में साफ-सफाई एक बड़ी परेशानी का कारण बना हुआ है। ऐसे में नगर पालिका ही उनकी इस समस्या का निदान कर सकती है। समस्या को देखते हुए नपाध्यक्ष ने सप्ताह में तीन दिन नगरपालिका के सफाईकर्मियों से सभी सरकारी प्रायमरी स्कूलों की सफाई कराने का भरोसा दिया है।