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भारी न पड़ जाए इस अच्छी आदत को छोडऩा

संक्रमण की पाबंदियों से आजाद हुए तो हम मास्क को ही बोझ समझने लगे, पत्रिका ने स्पॉट सर्वे किया तो स्थिति सामने आई, 80 फीसदी से अधिक लोग नहीं पहन रहे मास्क

उज्जैनDec 01, 2021 / 11:31 pm

sachin trivedi

Don't be overwhelmed, leave this good habit

संक्रमण की पाबंदियों से आजाद हुए तो हम मास्क को ही बोझ समझने लगे, पत्रिका ने स्पॉट सर्वे किया तो स्थिति सामने आई, 80 फीसदी से अधिक लोग नहीं पहन रहे मास्क

उज्जैन. कोरोना संक्रमण नियंत्रण में आने के कुछ दिनों में ही लोगों की आदत बदल गई हैं। सोशल डिस्टेंसिंग तो दूर, अधिकांश लोगों ने मास्क पहनना तक छोड़ दिया है। भीड़ भरे क्षेत्रों में बमुश्किल १० में से २ लोगों के चेहरे पर मास्क दिख रहा है। इनमें भी कुछ ही एेसे हैं जो सही तरीके से मास्क का उपयोग कर रहे हैं। कोरोना से बचाव के लिए जरूरी उपाय की एेसी तस्वीर से साफ है कि तीसरी लहर आई तो इसके लिए यह बिगड़ती आदत ही सबसे बड़ी जिम्मेदार होगी।
संक्रमण को नियंत्रित करने कोरोना प्रोटोकॉल के रूप में लगाई गई जरूरी पाबंदियों को खत्म किए अधिक समय नहीं हुआ और लोगों ने अभी से मास्क को बोझ समझना शुरू कर दिया है। घर से निकलने से पहले मास्क पहनना लोगों की अच्छी आदत बन गई थी जो बेफिक्री में यह आदत भी छूटने लगी हैं। मास्क पहनने की आदत को लेकर बुधवार को पत्रिका टीम ने शहर के एक व्यस्त क्षेत्र दौलतगंज का सर्वे किया तो यही स्थिति सामने आई। सर्वे के दौरान आधा घंटे में आने-जाने वाले ७०० से अधिक लोगों को देखा गया। इनमें से करीब ८० फीसदी लोगों के चेहरे पर मास्क नहीं था। शेष २० फीसदी जिन्होंने मास्क पहना था, उनमें भी ५ प्रतिशत से अधिक लोगों ने या तो सिर्फ मुंह पर या दाड़ी पर मास्क लगा रखा था। मसलन तीसरी लहर की आशंका के बीच महज १५ प्रतिशत लोग ही संक्रमण को फैलने से रोकने की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। मास्क न पहनने की बिगड़ती आदत जिले के लिए बड़ी परेशानी बन सकती है क्योंकि अभी भी पात्र आबादी में से ६ फीसदी को पहला व २३ प्रतिशत को दूसरा डोज नहीं लगा है। इसके अलावा १८ वर्ष से कम उम्र की पूरी आबादी के लिए वैक्सीनेशन शुरू ही नहीं हो सका है।
मास्क पहनने वालों में युवा अधिक
दौलतगंज क्षेत्र से गुजरने वालों में कम ही लोग ठीक से मास्क पहने हुए मिले। इनमें भी युवा वर्ग की संख्या अधिक थी। मतलब तुलनात्मक युवा वर्ग मास्क को लेकर फिर भी थोड़ा गंभीर है। इनके अलावा महिलाओं की भी मिली-जुली स्थिति है। सबसे कम उपयोग ४५ वर्ष से अधिक उम्र के लोग कर रहे हैं।
जहां देशभर से लोग आ रहे, वहीं एेसी लापरवाही
लॉकडाउन की पाबंदियां खत्म होने के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाकाल मंदिर में पहुंच रहे हैं। प्रदेश के साथ देशभर से लोग यहां आ रहे हैं। एेसे में संक्रमण के परिवहन का खतरा भी बढ़ गया है। एेसी स्थिति के बावजूद महाकाल मंदिर क्षेत्र में लोग बड़ी लापरवाही बरत रहे हैं। कई लोग बिना मास्क के नजर आ रहे हैं वहीं कई सिर्फ औपचारिकता निभाने के लिए मास्क लगा रहे हैं।
कोरोना फ्री बनाए रखने बढ़ाए सतर्कता
जिले में ७ नवंबर तक एक एक्टिव केस था। मरीज के स्वस्थ होने पर ८ नवंबर को उसे डिस्चार्ज किया गया था जिसके बाद से जिला फिलहाल कोरोना मुक्त बना हुआ है। इधर प्रदेश व आसपास के कुछ जिलों में कोरोना के नए मामलों की संख्या बढ़ रही है। एेसे में जिले को कोरोना मुक्त बनाए रखने के लिए और सतर्कता बरतने की जरूरत है।

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