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चुनाव मंथन : उज्जैन जनपद क्यों हारे..बडऩगर में निर्दलीय कैसे जीता

भाजपा में निकाय चुनाव परिणाम को लेकर शुरू हुई समीक्षा, भोपाल से भी कर रहे जानकारी तलब, जनपदों में जीत-हार पर विधायक से लेकर प्रभारी तक की जिम्मेदारी तय होने की चर्चा

उज्जैनAug 06, 2022 / 12:21 pm

जितेंद्र सिंह चौहान

Election Manthan: Why Ujjain district lost..how independent won.

भाजपा में निकाय चुनाव परिणाम को लेकर शुरू हुई समीक्षा, भोपाल से भी कर रहे जानकारी तलब, जनपदों में जीत-हार पर विधायक से लेकर प्रभारी तक की जिम्मेदारी तय होने की चर्चा

उज्जैन। नगरीय निकाय चुनाव में हुई हार-जीत को लेकर भाजपा की ओर से समीक्षा शुरू कर दी गई है। खासकर उज्जैन निगम के साथ ग्रामीण क्षेत्र में बडऩगर और उज्जैन जनपद चुनाव को लेकर भोपाल से ही रिपोर्ट तलब की गई है। इसके पीछे वजह है कि इन क्षेत्रों में भाजपा मजबूत स्थिति में थी बावजूद इसके पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। इस चुनाव में ऐसी नौबत क्यों बनी और इसके पीछे क्या वजह रही, जैसी जानकारी भी मांगी जा रही है। बताया जा रहा है कि इस रिपोर्ट के आधार पर विधायक, चुनाव प्रभारी से लेकर चुनाव पर्यवेक्षकों की भूमिका पर भी विचार किया जाएगा। दरअसल अगले वर्ष विधानसभा चुनाव है, लिहाजा भाजपा में इस हार को गंभीरता से लिया जा रहा है। आखिर किसने सबोटेज किया और किसने पार्टी लाइन के विपरित काम किया।
इसलिए इन चुनाव की विशेष समीक्षा
उज्जैन नगर निगम- निगम चुनाव में भाजपा मजबूत स्थिति में थी बावजूद इसके महापौर प्रत्याशी मुकेश टटवाल बहुत कम वोटों से जीते। इसमें उज्जैन उत्तर विधानसभा में सबसे ज्यादा हालत खराब रही। यहां महापौर को करीब १० हजार वोटों का नुकसान हुआ। इस बार भाजपा से एक भी मुस्लिम पार्षद नहीं जीता। जबकि चुनाव में मंत्री मोहन यादव, विधायक पारस जैन व चुनाव संचालन प्रभारी अनिल जैन कालूहेडा की महत्वपूर्ण भूमिका थी।
उज्जैन जनपद- पूरे प्रदेश में उज्जैन जनपद का चुनाव चर्चा में रहा। यहां बहुमत में होने के बावजूद भाजपा हारी और एक भी सदस्य वोट तक नहीं डाल पाया। भाजपा के पास १४ सदस्य थे फिर भी कांग्रेस के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बने। चुनाव विवाद के चलते मंत्री यादव को धरने तक पर बैठना पड़ा। जबकि यह क्षेत्र उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव का प्रभाव माना जाता है। सारी रणनीति उनके द्वारा बनाई जाना बताई जा रही है। पर्यवेक्षक के रूप में राजेंद्र भारती व अशोक कटारिया जैसे अनुभवी को जिम्मेदारी दी गई थी।
बडनगर जनपद- भाजपा के लिए बडऩगर जनपद का चुनाव किरकिरी वाली साबित हुआ। यहां भाजपा बहुमत में थी। भाजपा की ओर से उतारे गए अधिकृत उम्मीदवार शंभुलाल मालवीय को हार मिली और निर्दलीय निर्मला उमरावसिंह जीत गए। । हालांकि निर्दलीय उम्मीदवार भी भाजपा का था लेकिन सवाल उठा कि पार्टी की अधिकृत लाइन के विपरित निर्दलीय उम्मीदवार कैसे जीत गया। चर्चा है कि अध्यक्ष के पद के चुनाव में बडऩगर के विधायक शांतिलाल धबाई व पूर्व विधायक उदयसिंह पण्डया ग्रुप की आपसी लड़ाई के कारण ही यह नौबत बनी।
इनका कहना
जनपद चुनाव में हार-जीत को लेकर समीक्षा की जा रही है। संगठन स्तर से जो जानकारी मांगी जाएगी, उसे भेजा जाएगा।
– बहादुसिंह बोरमुंडला, जिलाध्यक्ष, भाजपा
निगम चुनाव में हम जीते हैं। समीक्षा जैसी बात नहीं है फिर भी देखेंगे कहां क्या कमी रह गई है।
– विवेक जोशी, नगर अध्यक्ष, भाजपा

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