मेरा तो भगवान मालिक, लेकिन इनकी चिंता करना मेरा फर्ज नहीं कर्तव्य
उज्जैन•Apr 15, 2020 / 12:51 am•
Mukesh Malavat
मेरा तो भगवान मालिक, लेकिन इनकी चिंता करना मेरा फर्ज नहीं कर्तव्य
नागदा. जिस दौर से गुजर कर आराम करने की आवश्कता होती है। ऐसे दौर में काम करना स्वास्थ्य के लिए चिंता का विषय है, लेकिन हमारे शहर के एक जिम्मेदार अधिकारी अपने स्वास्थ्य से ज्यादा लोगों के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित है। इनके सेवा के जज्बे को शहरवासियों का सलाम तो बनता ही है, क्योंकि ये दिन रात उन लोगों की चिंता में लगे हुए जो घरों में कैद है या कंटेंटमेंट क्षेत्र में है।
हम बात कर रहे हमारे क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी एसडीएम आरपी वर्मा की। जो हाई शुगर के मरीज है। 25 नवंबर 2019 को इनका बायपास ऑपरेशन भी हो चुका है, जिसके चलते ये अवकाश पर चले गए थे, इनके स्थान पर तात्कालीन एसडीएम आशुतोष गोस्वामी ने चार्ज लिया था। अस्पताल से डिस्चार्ज और होम रेस्ट के बाद वर्मा वापस काम पर भी लौट आए थे। वरिष्ठ अधिकारियों ने इन्हें ओर दिनों तक अवकाश पर रहने के लिए कहा था लेकिन वर्मा ने कार्य को महत्व दिया। तब से लेकर वे कार्य में जुटे हुए है, ऐसे में कोरोना संक्रमण की महामारी ने उनके कार्य का बोझ अधिक कर दिया है। ऐसे में उनके पास कार्य करने वाले अमले की भी कमी है लेकिन उनके जज्बे के आगे अमले की कमी नजर नहीं आती है। वे दिन-रात लोगों की आवश्यकता को पूर्ण करने में लगे हुए है।
23 नवंबर को बिगड़ा था स्वास्थ्य
बता दे कि 23 नवंबर 2019 को एसडीएम अपने कार्यालय में कार्य कर रहे थे। अचानक उनकी स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के कारण वे रेस्ट करने के लिए सर्किट हाउस पर आ गए थे, लेकिन स्वास्थ्य में सुधार नहीं हुआ और तबीयत ज्यादा बिगडऩे पर आनन-फानन में उन्हें इंदौर भेजा गया, जहां पर उपचार के बीच उनका बायपास ऑपरेशन किया गया। एसडीएम वर्मा शुगर के मरीज है। ये बीमार को लंबा समय हो गया है। वैसे तो इसके लिए वे समय-समय पर दवाईयां भी लेते है, लेकिन शुगर अधिक होने के कारण उन्हें इंजेक्शन लगाना पड़ते हैै। ये इंजेक्शन एक बार नहीं पूरे दिनभर में चार बार लगाते है। यदि कभी शुगर कंट्रोल सिस्टम बिगड़ जाता है तो चार बार के अलावा भी लगाना पड़ता है।