यह है उज्जैन नगर निगम का त्वरित निराकरण, डेढ़ साल में भी इस मामूली समस्या का हल नहीं
निगमायुक्त ने कंट्रोल रूम आ रही शिकायतें तुरंत निराकृत करने की बैठक ली, इधर यूपीएससी की तैयारी कर रहे छात्र ने कहा चक्कर लगाकर थक गया, सार्वजनिक रास्ते का अतिक्रमण हटाने के लिए किसी के पास टाइम नहीं
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उज्जैन। नगर निगम में अधिकारियों के कड़े निर्देश व जमीनी हकीकत में कितना फर्क है इसकी बानगी एक मामूली अतिक्रमण पर कार्रवाई नहीं होने से सामने आई। बुधवार को निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने बारिश के मद्देनजर कंट्रोल रूम व जनसुनवाई में आने वाली शिकायतों के तुरंत निराकरण के लिए अमले को निर्देशित किया, लेकिन उनका पढ़ाया सुशासन का पाठ अमले पर कम ही असर करता है। शायद यहीं कारण है कि वार्ड २८ की शिकारी गली में सार्वजनिक रास्ते पर हुआ मामूली अतिक्रमण यूपीएससी की तैयारी कर रहे एक छात्र की दर्जनों शिकायत के बाद डेढ़ साल में भी नहीं हटा।
आमल यह है कि अब तो जोन से लेकर निगम के अधिकारी छात्र को यहीं जवाब देते हैं हमारे पास इतनी छोटे काम के लिए टाइम नहीं है। इन हालातों के बीच अफसरों के सारे निर्देश हवाहवाई लगते हैं। समीक्षा बैठक में निगमायुक्त ने अधिकारियों से सीएम हेल्पलाइन सहित अन्य समस्याओं को शून्य स्तर पर ही हल करने को कहा। लेकिन अमले को इन निर्देशों की परवाह नहीं है।
गली में ब्लॉक उखाड़े व मैटेरियल फैलाकर रोका रास्ता, ये बाधा दूर करने में नाकाम निगम
वार्ड 28 अंतर्गत सखीपुरा के पास शिकारी गली है। इस क्षेत्र के निवासी व यूपीएससी की तैयारी कर रहे मोहम्मद एजाज ने निगम जनसुनवाई से लेकर जोन तक कई शिकायतें की, जिसमें बताया कि गली नंबर २ में उसके घर के सामने सार्वजनिक रास्ते पर पेबर ब्लॉक लगे थे। इन्हें उखाड़कर पास में ही रहने वाले मोहम्मद हाशम, अय्यूब, यूसुफ व अन्य ने खुदाई कर बेकार बिल्डिंग मैटेरियल पटककर रास्ता रोक दिया। इस मामूली अतिक्रमण को हटवाने में ही निगम ने डेढ़ साल लगा दिए। आश्चर्य तो यह कि जोन तीन कार्यालय ने एक बार शिकायत दूर करने महाकाल थाना पुलिस से बल मांग लिया। नहीं मिलने पर बहाना मिल गया कि पुलिस सुरक्षा मिलेगी तो ही कार्रवाई करेंगे।
छात्र मोहम्मद एजाज का कहना है कि कब्जा करने वाले लोग आपराधिक प्रवृत्ति के हैं। शिकायत करने पर उन्होंने धौंस दपट दी, जिसकी शिकायत महाकाल थाने में भी की लेकिन वहां भी सुनवाई नहीं हुई। सीएम हेल्पलाइन पर भी गोलमाल जवाब देकर निगम अधिकारी टालमटोल कर रहे हैं।
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