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उज्जैन

भावांतर में उपज बेचने आए किसानों की बढ़ सकती है मुसीबत

जिले में 1 लाख 21 हजार किसानों का भावांतर के लिए हो चुका पंजीयन

उज्जैनOct 13, 2018 / 01:22 am

Lalit Saxena

patrika

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उन्हेल (संजय कुंडल). विधानसभा चुनाव को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों का ध्यान निर्वाचन आयोग की प्रक्रिया में लगा हुआ है। जितने भी आदेश व निर्देश मिले हुए है उसके परिपालन में अधिकारी व कर्मचारियों की ड्युटी लगाई जा रही है, पर निर्वाचन विभाग ने उन अधिकारी और कर्मचारियों की भी ड्यूटी लगा दी है, जिनके मूल विभाग मे आने वाले समय में बड़ी जरूरत पड़ सकती है।
जब पत्रिका ने पड़ताल की तो कृषि उपज मंडी पहले से ही कर्मचारियों के रिक्त पद खाली होने से संकट में चल रही थी। इसी बीच निर्वाचन आयोग उज्जैन द्वारा उन्हेल कृषि उपज मंडी से भी एक अधिकारी सहित 3 कर्मचारियों को निर्वाचन चैकिंग में तैनात कर दिया है। कर्मचारियों की कमी के कारण उपज लेकर आ रहे किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। भावांतर में सोयाबीन को शामिल करने से किसान अपनी सोयाबीन की उपज कृषि उपज मंडी में नीलामी के लिए कम ही ला रहा है, जिससे उन्हेल सहित पूरे जिले की मंडियों मेें आवक कम हो गई है। शासन ने 20 अक्टूबर भावांतर मे सोयाबीन की खरीदी का ऐलान कर दिया है।
जिले में 1 लाख 21 हजार किसानों का भावांतर के लिए पंजीयन हो चुका है। निर्वाचन में ड्यूटी लगने के कारण उन्हेल कृषि उपज मंडी में तृतीय श्रेणी के कर्मचारी ही नहीं बचे है। वर्तमान में कृषि उपज मंडी में 700 से लेकर 800 बोरी की आवक है। निर्वाचन की प्रक्रिया के चलते मंडी की नीलामी चतुर्थ श्रेणीय के कर्मचारी कर रहे है। अधिकारी व कर्मचारियों के नहीं होने से 20 अक्टूबर के बाद स्थिति आवक बढऩे पर बिगड़ेगी और बखेड़ा होने की भी संभावना है। समय रहते व्यवस्था को नहीं संभाला तो पूरे जिले में आंदोलन खड़ा हो जाएगा।
उन्हेल मंडी में कर्मचारियों पर एक नजर
मंडी में 13 कर्मचारी पदस्थ थे, जिसमें से कुछ के स्थानांतरण हो गए है। शेष बचे थे उनको निर्वाचन ड्यूटी में तैनात किया है। जिनकी ड्यूटी निर्वाचन में लगाई गई है उनमें कृषि उपज मंडी सचिव संजिवकुमार जैन, सहायक उपनिरीक्षक रायसिंह गुर्जर, सहायक उपनिरीक्षक भरतलाल परमार व लेखापाल नरेश तिवारी को नियुक्त किया गया हैं। लिपिक राजेश सोंलंकी का स्थानांतरण तराना कर दिया गया है उसमें भृत्य करणसिंह चौहान भी शामिल है। मंडी के अंदर कम्प्यूटर सेक्शन में लिपिक राजेश वर्मा, मिथलेश उमठ भावांतर पंजीयन का काम देख रहे है। शेष जिन पर मंडी का भार आया है उसमें सहायक उपनिरीक्षक ओमप्रकाश सोनानिया के अलावा मंडी के पास चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी नंदकिशोर मालवीय, हरिसिंह वसुनिया, संजय पाठक, दिनेश राठौर ही बचे है।
कृषि उपज मंडी के अधिकारी व कर्मचारियों को निर्वाचन में लगाया गया है। यह समस्या उन्हेल ही नहीं पूरे जिले में है। इसके लिए कृषि विपणन बोर्ड के एमडी को पत्र लिखकर अवगत करा दिया है। भावांतर की शुरुआत के बाद परेशानियां शुरू होगी, लेकिन निर्वाचन का काम भी जरूरी है और मंडियों की संचालन व्यवस्था भी बनाकर रखनी है। इसका फैसला मध्यप्रदेश शासन करेगा।
प्रवीण वर्मा, संभागीय उप संचालन, कृषि विपणन बोर्ड, उज्जैन

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