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उज्जैन

अफसरों को सताया तबादले का डर, पहुंच रहे कांगे्रस नेताओं की चौखट पर

उज्जैन में तैनाती चाहते हैं अफसर, नेताओं को लगा रहे मौखिक अर्जी, कुछ बाहरी अधिकारियों ने भी जताई लौटने की चाह

उज्जैनDec 15, 2018 / 12:18 am

Lalit Saxena

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उज्जैन. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के साथ सरकारी मशीनरी में बड़ी सर्जरी की अटकलें लग रही हैं। राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं गरम हुई तो कई अधिकारी-कर्मचारियों ने भी कांग्रेस नेताओं से पुराने रिश्ते ताजा करने और नए रिश्ते बनाना शुरू कर दिए हैं। कारण यही है कि अधिकांश को उज्जैन-इंदौर में रहना अधिक रास आता है।
‘ऊंट की करवटÓ तय होने के साथ स्थानांतरण को लेकर कांग्रेस के प्रमुख नेताओं के पास अधिकारी-कर्मचारियों की मौखिक व अनौपचारिक अर्जियां लगना भी शुरू हो गई है। सूत्रों के अनुसार कई अधिकारी-कर्मचारियों ने उज्जैन से स्थानांतरण नहीं करवाने के लिए कांग्रेस नेताओं से संपर्क साधे हैं वहीं कई ऐसे बाहरी अधिकारी-कर्मचारी भी हैं, जिन्होंने दोबारा उज्जैन में आने की मंशा जताई है।
खास बात यह कि इनमें पुलिस-प्रशासन के दूसरी-तीसरी लाइन के अधिकारी अधिक हैं। इधर कांग्रेसी नेता भी उन्हें ‘आपका तो पूरा ध्यान रखेंगेÓ कह उन्हें आश्वस्त कर रहे हैं।
और इधर कांग्रेसियों की पुरानी यादें ताजा
जनमत के बाद के कई अधिकारी-कर्मचारियों के स्वर में बदलाव आ गया है वहीं 15 साल से विपक्ष में बैठे कांग्रेसियों ने भी पुरानी यादों पर चढ़ी धूल साफ करना शुरू कर दिया है। कोई पुराने मधुर संबंधों को ध्यान कर रहा है तो कई ऐसे भी हैं जो पुरानी उपेक्षा या दुव्र्यवहार का हिसाब-किताब जोडऩे लगे हैं।
कांग्रेस भी ऐसे अधिकारी-कर्मचारियों को चिह्नित कर रही है, जिन्होंने निश्पक्ष कार्रवाई नहीं की थी। कांग्रेस प्रवक्ता विवेक गुप्ता के अनुसार जिन अधिकारी-कर्मचारियों ने भाजपा के एजेंट के रूप में कार्य किया था उन्हें सूचीबद्ध किया जाएगा।
इसलिए उज्जैन शहर है पसंद
संभागीय मुख्यालय है।
शांत व स्वच्छ शहर। लॉ एन आर्डर की स्थिति सामान्य रहती है।
महाकाल दर्शन के लिए वीआइपी आगमन से उच्च स्तर पर संबंध बनते हैं।
राजनीतिक खींचतान अधिक नहीं होने से अधिकारी नेताओं की गुटबाजी के ज्यादा शिकार नहीं होते।
इंदौर नजदीक है। शिक्षा या अन्य सुविधा के लिए परिवार को वहां रख, उज्जैन में ड्यूटी करना आसान।
यहां के रहवासी भी सहज व सामान्य प्रवृत्ति के हैं।
उज्जैन को देश की प्रमुख योजनाओं का लाभ मिलता है। विकास कार्यों के लिए फंड की कमी नहीं रहती।
मतदान के बाद ही फोन लगाने किए शुरू, कुछ अफसर पुराने संबंधों का दे रहे हवाला
उज्जैन उत्तर क्षेत्र के एक युवा कांग्रेस नेता के पास मतदान के चार दिन भीतर ही तीन-चार अधिकारी के फोन आए। उन्होंने नेता के हाल चाल पूछे और ‘आपकी सरकार बने तो हमारा ध्यान रखनाÓ, कहा।
देवास के वर्दीधारी एक अधिकारी ने कांग्रेस नेता को उज्जैन आने की मंशा जताई।
परिणाम आने के बाद एक वरिष्ठ वर्दीधारी अधिकारी ने ध्यान रखने जैसी कोई बात नहीं की लेकिन नेताजी को अपने पुराने रिश्ते याद दिलाए और कुछ मामलों में किया गया सहयोग भी याद दिलाया।
पूर्व में उज्जैन में पदस्थ रह चुके दबंग पुलिस अधिकारी ने दोबारा उज्जैन आने की इच्छा जताई।
एक अधिकारी किसी कांग्रेस के किसी भी प्रमुख नेता को देख अपने कार्यालय का चेयरमैन बनने का न्यौता दे रहे हैं। मिलते ही वे कहते हैं ‘आप तो हमारे चेयरमैन बनेंगे।Ó
क्षेत्रीय कार्यालय के एक अधिकारी नेताओं को साथ बैठने का न्यौता दे रहे हैं। वे यह भी कहते हैं कि काम अपनी जगह है और व्यक्तिगत संबंध अपनी जगह।
निगम के एक तकनीकी अधिकारी काम करने से पहले कांग्रेस नेताओं की राय लेने लगे हैं। वे नेताओं से कहते हैं, ‘सर क्या करना है इस मामले मेंÓ।
एडिशनल रैंक के एक बाहरी अधिकारी युवा नेता से कहते हैं, हम हमेशा आपके साथ खड़े रहे हैं, हमारा ध्यान रखना।
नगर निगम को लेकर एक बाहरी अधिकारी ने युवा नेता से कहा, कमिश्नर की व्यवस्था हो गई या करना है, मैं भी कमिश्नर के लिए उपयुक्त हूं।
राजस्व से जुड़े बाहरी वरिष्ठ अधिकारी ने भी उज्जैन आने की मंशा जताई है।
( जैसा राजनीतिक से जुड़े लोगों से चर्चा में पता चला )

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