पत्रिका समूह की पहल : जीतेंगे कोरोना से जंग
क्वारेंटाइन है दो सप्ताह का शूल, कोरोना है दोगले चायना की भूल।
अफवाहों के बाजार में मत झूल, घर पर ही रहो, मस्ती के साथ कूल-कूल।
सच मानिए कोरोना तो क्या, उसका बाप भी बन जाएगा अपै्रल फूल।
कोरोना के डर से सारी की सारी जवानी चली गई।
ऐसा लगने लगा है अब तो जैसे मोटर से कमानी चली गई।
कोरोना क्या तुम्हारी आंखें, विश्व भर में तुम्हारी बातें ही बातें।
कितनी पब्लिसिटी को तुमने पाया है, चीन की नाली से ड्रेगन भूत निकल आया है।