एक मौत पर परिजनों को मिलते है ४५ हजार रुपए
उज्जैन•Jun 14, 2018 / 04:39 pm•
Gopal Bajpai
यहां विद्युत कर्मचारियों की मौत की लगाई जाती है बोली
नागदा। बीते बुधवार को ग्राम पिपलौदा सागौती माता में विद्युत डीपी को दुरुस्त करने के दौरान मृत हुए ठेका श्रमिक के परिजनों ने गुरुवार सुबह पीएम रुम के बाहर हंगाम कर दिया। परिजनों ने शव को उठाने से मना करते हुए विद्युत वितरण कंपनी जेई महेश वर्मा, प्राइम वन कंपनी के सुपरवाइजर व ठेकेदार पर एफआईआर दर्ज करने की मांग पर अड़ रहे। करीब एक घंटे चले हाई वोल्टेज ड्रामे का अंत पुलिस द्वारा प्रकरण दर्ज करने के बाद खत्म हो सका। मृतक कालू पिता चंदर सिंह के परिजनों की मांग भी यह भी कि, उन्हें ५० हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जाए, लेकिन वितरण कंपनी के अफसर १० हजार रुपए की आर्थिक सहायता देने की बात पर अड़े रहे। अंत में वितरण कंपनी द्वारा २५ हजार व प्राइम वन कंपनी द्वारा परिजनों को ४५ हजार रुपए की आर्थिक सहायता देने की बात को स्वीकार लिया। पीएम के बाद पुलिस ने मृतक का शव परिजनों के सुपुर्द किया है।
क्या है मामला
दरअसल ग्राम पिपलौदा सागौती निवासी कालू पिता चंदरसिंह बीते बुधवार की शाम को ग्राम की डीपी पर अज्ञा पत्र लेकर दुरुस्तीकरण कार्य कर रहा था। इसी दौरान विद्युत लाइन चालु होने से कालुसिंह को करंट की चपेट में आ गया। करंट इतना जोरदार था, कि मृतक को बचाव करने का मौका नहीं मिला। और वह विद्युत तारों में ही उलझ कर मर गया। मामले की सूचना ग्रामीणों ने बिरलाग्राम पुलिस को दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घटना का पंचनामा बनाया था। रात होने के कारण पुलिस मृतक का शव उतारने में असमर्थ रही। गुरुवार सुबह शव को विद्युत पोल से उतारा जा सका। जिसके बाद ग्रामीणों की उपस्थिति में शव का पीएम किया गया।
पुलिस की समझाईश से भी नहीं मानें
मृतक के परिजनों का हंगाम देखकर पीएम रुम के समक्ष बिरलाग्राम थाना प्रभारी बीएस चौधरी मौके पर पहुंचे। लेकिन ग्रामीणों के समर्थन में जनपद सदस्य जीवनसिंह डोडिया व पूर्व जनपद उपाध्यक्ष बलबहादुरसिंह मौके पर पहुंचे गए और मृतक के परिजनों के समर्थन में उतरकर मुआवजे की मांग करने लगे। मामला बढ़ता देख प्राइमवन कंपनी ने २० हजार रुपए व विद्युत वितरण कंपनी द्वारा २५ हजार रुपए की आर्थिक सहायता राशि देने के बाद मामला शांत हो सका।
पूरी रात तारों में उलझी रही लाश
बता दें, कि मृतक कालूसिंह बुधवार दोपहर को विद्युत डीपी पर दुरुस्तीकरण खंबे पर चढ़ा था। परिजनों का तर्क है, कि मामले की सूचना संबंधित विद्युत प्रदाय करने वाले ऑफिस को दी गई थी। बावजूद कंपनी द्वारा तारों में विद्युत धारा प्रभावित कर दी गई। परिणाम स्वरूप कर्मी की मौत करंट लगने से हो गई। बिरलाग्राम प्रभारी चौधरी के अनुसार घटना देर शाम होने से चलते शव को तारों से नहीं उतरा जा सका था। गुरुवार सुबह शव को उतारा गया और पीएम करवाकर परिजनों को सौंपा गया।
इनका कहना-
मामला बीते शाम का होने के कारण शव को गुरुवार सुबह उतारा जा सका। हालांकि घटना वाले दिन मृग कायम कर लिया गया था। परिजनों की शिकायत पर प्राइम वन कंपनी के सुपरवाइजर व ठेकेदार पर एफआईआर दर्ज किया गया है। उक्त कंपनी भोपाल की है। परिजनों को आर्थिक सहायता के रुप में ४५ हजार रुपए की राशि दिलवाई गई है।
बीएस चौधरी
प्रभारी, बिरलाग्राम थाना