&निर्माण के दौरान शिफ्ट किए जाने वाले बिजली पोलों का कार्य पीडब्ल्यूडी के अधीन किया जा रहा है। विभाग के अफसरों से चर्चा कर लापरवाही की बात बताई जाएगी। सुरक्षा उपकरण क्यों नहीं दिए गए यह बता पाना मुश्किल है।
गौतम अहिरवार, एसडीओ, पीडब्लूडी
जिम्मेदारों को कार्य समय पर चाहिए पूरा, इसलिए हो रही जल्दबाजी
उज्जैन•Feb 23, 2018 / 12:44 am•
Lalit Saxena
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नागदा. पेट की भूख मिटाने के लिए कोई अपनी जान तक जोखिम में डाल सकता है। सुनकर आश्चर्य होगा, लेकिन सच है। रुपए कमाने के लिए प्रतिदिन हाईटेंशन बिजली के तारों के साथ जान जोखिम में डालने वाले मजदूरों के समक्ष रोजगार का संकट है। रोजगार की तंगी के चलते संबंधित ठेकेदार का विरोध नहीं कर पाने की वजह उक्त मजदूर प्रतिदिन हाईटेंशन विद्युत पोलों पर चढ़कर तारों को जोडऩे का कार्य करते है। दरअसल इन दिनों उत्कृष्ट सड़क खाचरौद नाका का कार्य प्रगति पर है। निर्माण में बाधा बन रहे बिजली के पोल को हटाने के बाद पोलों का शिफ्टींग कार्य किया जा रहा है। विडंबना यह है, कि लोकनिर्माण विभाग के अंंतर्गत पोलों को शिफ्ट कर संचालिक करने वाली कंपनी के कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण नहीं दिए जा रहे है। उपकरणों के अभाव में कार्य करने वाले कर्मचारी प्रतिदिन जान जोखिम में डाल रहे हैं। परेशानी यह है, कि कार्य पूरा होने की जल्दी में जिम्मेदार उनकी जान से खिलवाड़ करने से भी नहीं चूक रहे। जवाब मांगे जाने पर अफसरों का तर्क है, कि कर्मचारी ग्रामीण परिवेश से आते है, उन्हें समझाने के बाद भी सुरक्षा उपकरण उपयोग नहीं करते। अब सवाल यह है, कि दुनिया में शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति होगा जो जोखिम भरे कार्य को बिना सुरक्षा उपकरणों के करें।
कंरट अवरोध भी नहीं शामिल
बता दें, कि कार्य के दौरान कर्मचारियों द्वारा बिजली अवरोध रबर के दस्तानों का भी उपयोग नहीं किया जा रहा। इतना ही नहीं करीब ३५ फीट की उंचाई पर कार्य कर रहे कर्मचारियों द्वारा किसी सपोर्ट करने वाली रस्सी को भी अनदेखा किया जा रहा है। लिहाजा कर्मचारी रोजगार व रुपए कमने के चक्कर में जान जोखिम डालने से बाज नहीं आ रहे। और ना ही इस ओर बिजली कंपनी के अफसर का ध्यान जा रहा।
खाचरौद नाके
से ईदगाह सड़क
बीते पांच माह पूर्व शुरू हुए खाचरौद नाके से ईदगाह फोर लेन सड़क मार्ग का कार्य तीसरा और अंतिम फेज है। लोनिवि एसडीओ अहिरवार के अनुसार सड़क आगामी जून २०१८ में मूर्त रूप ले सकेगी। मार्ग के समीपस्थ ३७०० लोग निवासरत है। साथ ही मार्ग का उपयोग खाचरौद, मंदसौर, रतलाम व नीमच जाने वाले राहगीर करते है। ऐसे में कार्य की धीमी गति मार्ग पर दुर्घटनाओं को न्यौता देगी। परेशानी यह भी है, कि मार्ग के एक ओर अतिक्रमण पसरा है।
जान जोखिम में डाल रहे कर्मचारी
खाचरौद नाके पर सड़क निर्माण कार्य प्रगति पर है, एक ओर मार्ग का कार्य पूरा हो जाने के बाद से लोक निर्माण विभाग की अगुवाई में नए विद्युत पोल व तारों का विभाजन का कार्य किया जा रहा है। कार्य निजी क्षेत्रों में करने वाले लोगों से लिया जा रहा है। परेशानी यह है, कि करीब ३५ फीट ऊंचे हाईटेंशन बिजली के पोलों पर कार्य करने वाले कर्मचारी बिना किसी सुरक्षा के चढ़कर कार्य कर रहे हैं। इनका निरीक्षण करने वाले अफसरों को इस बात की सुध तक नहीं है, कि यदि किसी कर्मचारी की जान पर बन आई तो क्या होगा। अफसर कार्य में ठेका पद्धति से करवाने का हवाला देकर पल्ला झाड़ रहे हैं, लेकिन उन्हें इस बात का अंदाज नहीं है, कि कार्य के दौरान हाईटेंशन लाइनों में अचानक से बिजली प्रवाह हो जाए, या ट्रांसफार्मर में विस्फोट की स्थिति निर्मित हो जाए तो क्या होगा।
&निर्माण के दौरान शिफ्ट किए जाने वाले बिजली पोलों का कार्य पीडब्ल्यूडी के अधीन किया जा रहा है। विभाग के अफसरों से चर्चा कर लापरवाही की बात बताई जाएगी। सुरक्षा उपकरण क्यों नहीं दिए गए यह बता पाना मुश्किल है।
गौतम अहिरवार, एसडीओ, पीडब्लूडी