देशभर में होली की धूमधाम शुरु हो चुकी है। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में तो अलग ही उत्साह दिख रहा है। यहां रविवार तड़के चार बजे भस्म आरती के साथ होली का पर्व शुरू हो गया। होली पर महाकाल के लिए 51 क्विंटल फूल बुलवाए गए।
संध्या आरती में भी भक्ति के साथ होली के रंग बरसे। शाम 7.30 बजे पुजारियों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजन कर होली दहन किया। सोमवार को भी देश में सबसे पहले महाकाल मंदिर मेें ही धुलेंडी का पर्व भी मनाया जाएगा। सुबह 4 बजे की भस्म आरती में महाकाल को हर्बल गुलाल लगाया जाएगा।
महाकाल की सायंकालीन आरती में सबसे पहले बाबा महाकाल को हर्बल गुलाल अर्पित किया गया। आरती के बाद मंदिर प्रांगण स्थित ओंकारेश्वर मंदिर के ठीक सामने होलिका सजाई गई। विधिवत पूजन-अर्चन के बाद मंत्रोच्चारण के साथ होलिका का दहन किया गया।
25 मार्च को धुलेंडी के दिन तडक़े 4 बजे होने वाली भस्म आरती में सबसे पहले होली खेली जाएगी। यहां बाबा महाकाल को मंदिर से पुजारी-पुरोहितों की ओर से रंग-गुलाल लगाया जाएगा। बदल जाएगा आरती का समय
प्रशासक संदीप सोनी ने बताया 26 मार्च से परंपरानुसार भगवान महाकाल की आरती के समय में बदलाव होगा। यह बदलाव चैत्र कृष्ण प्रतिपदा से अश्विन पूर्णिमा तक रहेगा। भस्म आरती 4 से 6 बजे तक। दद्योदक आरती सुबह 7 से 7.45 बजे तक। भोग आरती सुबह 10 से 10.45 बजे तक। संध्या पूजन शाम 5 से 5.45 बजे तक। संध्या आरती शाम 7 से 7.45 बजे व शयन आरती रात 10.30 से 11 बजे तक होगी। इसमें भस्म आरती, संध्या पूजन एवं शयन आरती अपने निर्धारित समय पर ही होंगी।
प्रशासक संदीप सोनी ने बताया 26 मार्च से परंपरानुसार भगवान महाकाल की आरती के समय में बदलाव होगा। यह बदलाव चैत्र कृष्ण प्रतिपदा से अश्विन पूर्णिमा तक रहेगा। भस्म आरती 4 से 6 बजे तक। दद्योदक आरती सुबह 7 से 7.45 बजे तक। भोग आरती सुबह 10 से 10.45 बजे तक। संध्या पूजन शाम 5 से 5.45 बजे तक। संध्या आरती शाम 7 से 7.45 बजे व शयन आरती रात 10.30 से 11 बजे तक होगी। इसमें भस्म आरती, संध्या पूजन एवं शयन आरती अपने निर्धारित समय पर ही होंगी।