महाकाल की सवारी देखने आ रहे हैं तो रखें इन बातों का ध्यान
श्रावण में भगवान महाकालेश्वर की पहली सवारी आज
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उज्जैन. शहरवासियों के साथ ही देश-दुनिया के लाखों श्रद्धालुओं को जिस घड़ी का इंतजार रहता है, वह आ गई है। श्रावण-भादौ मास की सवारी के क्रम में सोमवार को राजाधिराज बाबा महाकाल अपनी प्रजा का हाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकलेंगे। सावन की इस पहली सवारी में रजत पालकी में विराजित अवंतिकानाथ महाकाल मनमहेश के दिव्य स्वरूप में अपने भक्तों को दर्शन देंगे। इस बार भगवान महाकाल की छह सवारी निकलेगी। सवारी का लाइव प्रसारण महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की वेबसाइट किया जाएगा। साथ ही पत्रिका उज्जैन के फेसबुक पेज भी सवारी का लाइव प्रसारण होगा।
श्रावण के चार और भादौ मास के दो सोमवार को अपराह्न 4 बजे अवंतिकानाथ शाही अंदाज में अपने भक्तों से रूबरू होंगे। मंदिर के सभामंडप में भगवान के मनमहेश स्वरूप का विधिवत पूजन-अर्चन कर रजत पालकी में विराजित किया जाएगा। मंदिर के मुख्य द्वार पर पालकी के आने पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा भगवान को सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) दी जाएगी। इसके बाद गाजे-बाजे और भजन मंडली, भक्तों की टोली के साथ राजा का नगर भ्रमण प्रारंभ होगा।
यह होगा मार्ग
पालकी मंदिर से निकलने के बाद गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी से रामघाट पहुंचेगी। यहां क्षिप्रा जल से भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन होगा। इसके बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती समाज का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्रीचौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार से होकर पुन: मंदिर पहुंचेगी।
यह नहीं करें श्रद्धालु
– सवारी मार्ग में सड़क की ओर ज्वलनशील सामग्री, उपकरण व कड़ाव नहीं रखें।
– श्रद्धालु सवारी में उल्टी दिशा में नहीं चलें।
– पालकी निकलने तक अपने स्थान पर खड़े रहें।
– सवारी मार्ग से जुडे़ अन्य रास्तों और गलियों में वाहन नहीं रखें।
– श्रद्धालु सवारी के दौरान सिक्के, नारियल, केले-फल आदि नहीं उछालें।
दोपहर दो बजे महाकाल क्षेत्र में नहीं ले जाएं वाहन
चारधाम मंदिर, कार्तिक चौक मेला ग्राउंड व हरिफाटक ब्रिज के नीचे रहेगी पार्किंग
महाकाल सवारी के चलते महाकाल मंदिर के आसपास का क्षेत्र दोपहर २ बजे बाद से नो व्हीकल जोन हो जाएगा। इसमें महकाल घाटी से मंदिर, यादव धर्मशाला, भारत माता मंदिर व हरसिद्धि मार्ग से किसी भी तरह के वाहन मंदिर की तरफ नहीं जा सकेंगे। यह नो व्हीकल जोन महाकाल सवारी आने के बाद तक रहेगा। ट्रैफिक डीएसपी एचएम बॉथम ने बताया कि सवारी के लिए अलग-अलग स्थान पर पार्किंग व्यवस्था की गई है। बड़े वाहन हरिफाटक ब्रिज तक आ सकेंगे और यहीं पर इनकी पार्किंग होगी। वहीं छोटे वाहन हरिफाटक ब्रिज होते हुए चारधाम मंदिर के पास पहुंच सकेंगे। इसके अलावा बडऩगर रोड पर कार्तिक मेला ग्राउंड पर भी वाहन पार्क हो सकेंगे।
प्रत्येक सवारी में बढ़ेंगे मुखारविंद
भगवान महाकाल की प्रत्येक सवारी में अलग-अलग मुखारविंद शामिल किए जाते हैं। हर सवारी में एक मुखारविंद बढ़ेगा। भगवान की दूसरी सवारी 29 जुलाई को निकलेगी। इसमें पालकी में भगवान चन्द्रमौलेश्वर और हाथी पर मनमहेश के स्वरूप में विराजित होंगे। तीसरी सवारी के दौरान पालकी में भगवान चन्द्रमौलेश्वर के स्वरूप में रहेंगे, हाथी पर मनमहेश और गरुड़ रथ पर शिवतांडव विराजित होंगे। चौथी सवारी 12 अगस्त को निकाली जाएगी। इसमें पालकी में चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर मनमहेश, गरुड़ रथ पर शिव तांडव और नंदी रथ पर उमा-महेश स्वरूप में विराजित होंगे। भगवान की पांचवीं सवारी 19 अगस्त को निकलेगी। पालकी में चंद्रमौलेश्वर, हाथी पर मनमहेश, गरुड़ रथ पर शिवतांडव, नंदी रथ पर उमा-महेश और डोल रथ पर होल्कर स्टेट का मुखारविंद रहेगा। 26 अगस्त को शाही सवारी में पालकी में भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर मनमहेश, गरुड़ रथ पर शिवतांडव, नन्दी रथ पर उमा-महेश, डोल रथ पर होल्कर स्टेट के मुखारविंद और रथ पर सप्तधान्य मुखारविंद स्वरूप में रहेंगे।
5 अगस्त को नागपंचमी और सवारी
श्रावण शुक्ल पंचमी पर 5 अगस्त को नागपंचमी रहेगी। इस दिन महाकाल मंदिर के शिखर पर स्थित भगवान नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट खुलेंगे। नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट नागपंचमी पर साल में सिर्फ एक बार 24 घंटे के लिए खोले जाते हैं। इस दौरान हजारों भक्त भगवान के दर्शन के लिए उमड़ते हैं। संयोग से इस दिन श्रावण मास का तीसरा सोमवार भी है। शाम को महाकाल की सवारी निकलेगी।
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