scriptभूसा प्लांट से निकलने वाले कीड़े कर रहे ग्रामीणों को बीमार | Illness to the villagers who are making insects coming out of the str | Patrika News
उज्जैन

भूसा प्लांट से निकलने वाले कीड़े कर रहे ग्रामीणों को बीमार

शाम ढलते ही कीड़े ग्रामीणों के घरों पर करते है हमला, खाने से लेकर सोना तक हो रहा है मुश्किल

उज्जैनMay 22, 2019 / 12:30 am

Mukesh Malavat

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नागदा. गांव उमरनी में स्थापित लैंक्सेस उद्योग का भूसा प्लांट यहां के ग्रामीणों के लिए परेशानी का कारण बन गया है। भूसे से निकलने वाले कीड़े लोगों का स्वास्थ्य खराब कर रहा है। सबसे ज्यादा असर प्लांट के नजदीक गांव बिरिखाखेड़ी मोड़ स्थित नई आबादी में रहने वाले ग्रामीणों को हो रही है। नई आबादी में करीब एक दर्जन परिवार रहते है। कीड़ों के कारण बस्ती के हर परिवार का कोई न कोई सदस्य बीमार है। गांव के उपसरपंच कन्हैयालाल चंद्रवंशी की माने तो दिन ढलते ही काले रंग के कीड़े गांव और नई आबादी के घरों पर हमला कर देते है। कीड़े नमी वाले स्थानों पर बड़ी मात्रा में जमा हो जाते है और फिर यह कीड़े भोजन और पानी में मिल रहे है, जिसके कारण लोग बीमार पड़ रहे है। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत खाचरौद एसडीएम से भी की है।
मौके पर मिले दो लोग बीमार
पत्रिका टीम जब मौके पर वास्तुस्थिति को जानने पहुंची तो नई आबादी में रहने वाले बालाराम सोलंकी और मदन मिले जिन्होंने बताया कि भूसे से निकलने वाले कीड़ों के कारण वह बीमार पड़ गए है। बालाराम ने दस्त के साथ सांस लेने में तकलीफ और पेट में जलन होने की शिकायत की बात कही, वहीं मदन नामक ग्रामीण का कहना है कि रात में पानी के साथ कीड़े पेट में चले जाने से उसे चर्मरोग के साथ पेट दर्द और जलन हो रही है। ग्रामीणों ने यह भी दावा किया कि बस्ती में जितने भी परिवार रहते है कीड़ों के कारण हर घर में कोई न कोई सदस्य बीमार है।
कीड़े मारने के लिए उद्योग प्रबंधन घरों में करवाता है दवाई का छिडक़ाव, पर नहीं हो रहा समस्या का हल : ग्रामीण समरथ का कहना है कीड़ों की समस्या से निपटने के लिए उद्योग प्रबंधन द्वारा दो-तीन दिनों में प्रभावित ग्रामीणों के घरों पर केमिकल युक्त दवाई का छिडक़ाव कराया जाता है, लेकिन दवाई से निकलने वाली गैस से लोगों को सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या पैदा हो रही है। खास बात यह है कि दवाई के असर से घरों में मौजूद कीड़े तो मर जाते है, लेकिन जैसे ही दवाई का असर खत्म होता है भूसे से निकलकर फिर से कीड़े घरों पर हमला करने लगते है और कीड़ों की यह समस्या सतत चलती रहती है।
भूसा लेकर आने वाले चालक ने भी माना, कीड़ों के कारण प्लांट में खड़ा रहना भी होता है मुश्किल
प्लांट में भूसा खाली कर रहे एक ट्रक के चालक ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि भूसे से निकलने वाले कीड़ों के कारण प्लांट मे खड़ा रहना भी मुश्किल होता है। जब भी वह भूसे की गाड़ी लेकर आते है। खाली होने तक उन्हे प्लांट के बाहर खड़ा होना पड़ता है। बता दे कि उक्त प्लांट में करीब 36 हजार टन भूसा स्टोरेज करने की क्षमता है। गर्मी के दिनों में प्रतिदिन करीब 50 से अधिक भूसे के ट्रक खाली किए जाते है। बारिश में यही भूसा परिवहन के माध्यम से उद्योग में भेजा जाता हैं। भूसे को जलाकर बिजली पैदा की जा रही है। ज्यादातर भूसा राजस्थान के कोटा और चौमेला क्षेत्र से लाया जाता है।
कीड़े निकलने जैसी सूचना नहीं मिली है। बुधवार को टीम भेजकर जांच की जाएगी।
संजय सिंह, यूनिट हेड लैंक्सेस

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