लसुडिय़ा से उन्हेल तक सडक़ निर्माण कार्य में लापरवाही आई सामने, सीजीएम ने पुन: काम करने के दिए निर्देश
उज्जैन•Jun 15, 2019 / 12:47 am•
Mukesh Malavat
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उन्हेल. लसुडिय़ा से उन्हेल तक तीन किलोमीटर सडक़ में लापरवाही को लेकर निरंतर मिल रही शिकायत तथा समयावधि होने के बाद भी समय सीमा में कार्य में गति नहीं दिखने पर प्रधानमंत्री सडक़ योजना के सीजीएम पीके सिकरवार ने गुरुवार को निर्माणाधीन मार्ग का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान निर्माण कंपनी के कार्य की गुणवत्ता और लापरवाही को देखकर सीजीएम भडक़ गए। उन्होंने निर्माण कंपनी के साथ इंजीनियर को बिजली पोलों को हटाने के साथ कुछ सडक़ के हिस्से की गुणवत्ता पर नाराजगी जाहिर करते हुए पुन: काम करने के निर्देश दिए।
यह है मामला
प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना अंतर्गत लसुडिय़ा से उन्हेल तक तीन किलोमीटर सडक़ का काम 1 करोड़ 71 लाख रुपए की लागत से बन रहा है। सडक़ का ठेका चंदर भाटी एंड कंपनी को दिया है। सडक़ बनाने में शुरू से ही निर्माण कंपनी ने लापरवाही की थी, जिसको लेकर खेत मालिकों के साथ ग्रामीणों ने इसकी शिकायत प्रधानमंत्री सडक़ योजना के संभागीय मुख्यालय को की थी। तब प्रधानमंत्री सडक़ योजना के इंजीनियर विजय कुमार ने मौका मुआयना कर जांच की जगह लीपापोती कर दी थी। इसी बीच अवैध उत्खनन करने का मामला भी गरमाया था, जिसमें तहसीलदार से लेकर पटवारी तक मौका पंचनामा कर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई का मामला तैयार किया था। इसी बीच निर्माण कंपनी ने नगर परिषद के वार्ड 10 व 11 के क्षेत्र व सडक़ के बीच लगे हैंडपंप को निर्माण के दौरान नष्ट कर दिया था। शिकायत पर नगर परिषद् के मुख्य अधिकारी नीलेश रघुवंशी ने इंजीनियर अर्पित शर्मा को भेजकर स्थल निरीक्षण करवाया था। इंजीनियर की रिपोर्ट से निर्माण कंपनी ने पेयजल स्त्रोत हैंडपंप को लोगों के बयान लेने के बाद सही ठहराया था। यह रिपोर्ट मुख्य नगर परिषद् अधिकारी के समक्ष पहुंचते ही उन्होंने निर्माण कंपनी को नोटिस जारी किया था। तब निर्माण कंपनी ने नगर परिषद के इस आदेश को हवा में उड़ाते हुए नोटिस को तामिल नहीं किया और नगर परिषद् प्रशासन भी उसके बाद चुप्पी साधे बैठ गया, पर निर्माण कंपनी को लेकर शिकायतों का दौर जारी रहा।
बारिश में टूटेगी गटर और सडक़
शिकायत को लेकर सीजीएम ने मौके पर जांच पड़ताल की तो निर्माण कंपनी के काम को देखकर नाराजगी जाहिर की। ज्ञात हो कि जिस स्थान पर सडक़ का निर्माण हो रहा है, उस मार्ग से निरंतर पानी का बहाव बना रहता है। गटरों में गुणवत्ता नहीं होने के कारण पानी का रिसाव सडक़ के निचले हिस्से में होगा, उससे निर्माणाधीन सडक़ बारिश में ही बैठ जाएगी।
इस मामले में इंजीनियर विजय कुमार (प्रधानमंत्री सडक़ उज्जैन) से चर्चा करना चाही तो उन्होंने कहा कि अभी मैं ऑफिस में बैठा हुआ हूं। आपसे थोड़ी देर बाद इस मामले में बात करुंगा। इसके बाद उनसे चर्चा नहीं हो पाई।
सडक़ का निरीक्षण किया है। जो भी कमियां दिखी है, कार्रवाई के लिए निर्देश लिख रहा हूं। जेएस सिकरवार, सीजीएम, प्रधानमंत्री सडक़ उज्जैन संभाग