गांव में मच गई अफरा-तफरी
तालाब में बच्चों के डूबने की खबर लगते ही ग्रामीणों में अफरा-तफरी मच गई और गम का माहौल हो गया। गांव के ही युवकों ने तालाब में गोता लगाकर बच्चों के शवों को तलाशने की कोशिश की। बाद में रेस्क्यू टीम ने पहुंचकर बच्चों के शवों को बाहर निकाला और जिला अस्पताल भेजा। चिमनगंज थाना पुलिस ने मर्ग कायम कर शवों को मरच्यूरी रूम में रखवाया है, जहां रविवार सुबह उनका पीएम होगा।
घर के पीछे तालाब के पास खेल रहे थे
गांव के कुंवरजी पटेल ने बताया कि गांव में 52 बीघा का सरकारी तालाब है। इसके पास ही मुकेश मालवीय का मकान है। दोपहर में उनके तीन पुत्र नीलेश (7), सुभाष (5) और अरुण (3) खेल रहे थे और उनकी दादी संतोष बाई घर में अकेली थी। इसी बीच खेलते हुए बच्चे तालाब में डूब गए। शाम को उनकी मां अनिता बाई और दादी बच्चों को गांव में तलाशने लगी तो पता चला कि बच्चे तालाब में डूब गए। घर के पीछे बने तालाब की ओर जाकर देखा तो अरुण का शव तालाब में डूबा मिला। इस पर नीलेश और सुभाष को भी तालाब में तलाशना शुरू किया बाद में रेस्क्यू टीम के सदस्यों ने शव बाहर निकाले। गांव के ही एक व्यक्ति कुंवरजी ने बताया कि बच्चों के पिता मुकेश उज्जैन में मजदूरी करते हैं।
मां की तबियत बिगड़ी
तीन पुत्रों की मां अनिता को जैसे ही बच्चों के डूबने की जानकारी लगी, वह बेहोश हो गई। पिता को जानकारी लगी तो वे उज्जैन से मजदूरी छोड़कर गांव पहुंचे। बच्चों के पिता मुकेश का कहना था कि मेरे तीनों बेटे पढ़ाई में होशियार थे और निलेश सभी का ध्यान रखता था फिर कैसे डूब गए। देर रात को अनिता को भी प्राथमिक चिकित्सालय में उपचार दिया गया।