दरअसल, वर्ष 2003 में राज्य स्तर पर कबड्डी प्रतियोगिता हुई थी, जिसमें अनवर के नेतृत्व में गांव की टीम ने भाग लेकर प्रतियोगिता जीती थी। इस प्रतियोगिता के बाद सात साल पहले उन्होंने चुनाव लड़ा था। चूंकि कबड्डी में पंचायत का नाम रोशन करने से अनवर के प्रति ग्रामीणों में सहानुभूति थी। इसलिए उन्होंने पहला चुनाव जीता। अपने कार्यकाल के दौरान अनवर ने गांव में कई विकास कार्य कराएं, जिससे ग्रामीणों का अनवर के प्रति विश्वास और बढ़ गया। ग्राम के सिकंदर खान ने बताया अनवर कप्तान कोरोना महामारी में ग्राम में सेवा कार्य किए साथ ही विकास कार्यों में दो आंगनवाड़ी भवन, ग्राम में पानी की समस्या को देखते हुए बोरवेल करवाए और घर-घर तक पानी पहुंचाया। खेत सड़क योजना के अंतर्गत सड़क बनवाई। गत 4 जून को किसी मामले में वे जेल चले गए, लेकिन चूंकि ग्रामीणों की सहानुभूति साथ थी। ऐसे में जेल में रहते हुए चुनाव लड़ा, गांव में अनवर के परिजनों ने उनके पक्ष में प्रचार-प्रसार किया। शनिवार देर रात हुए परिणाम में अनवर को विजयीश्री प्राप्त हुई।
81 वोटों से जीते अनवर
पंचायत के तहत आने वाले दो गांव झलारिया व खेड़ामाधव में कुल 1759 मतदाता है। शनिवार को हुए पहले चरण के मतदान में 90 प्रतिशत वोट हुई। कुल 1589 वोट पड़े। यहां अनवर कप्तान के अलावा रफीक व नाहरू भी मैदान में थे। जानकारी के अनुसार रफीक को 370, नाहरू को 564 व अनवर को 655 वोट मिले। 81 वोटों से वे चुनाव जीते है।