scriptआधुनिक संसाधनों के साथ कदमताल, उन्नत खेती से किसान हो रहे मालामाल | Keeping pace with modern resources, farmers are getting rich due to ad | Patrika News
उज्जैन

आधुनिक संसाधनों के साथ कदमताल, उन्नत खेती से किसान हो रहे मालामाल

उन्नत तरीके अपनाकर लागत कम व उत्पादन ज्यादा ले सकते हैं किसान, बेहतर कृषि के तरीके बता रहे संबंधित विभाग, धार्मिक पहचान वाले उज्जैन जिले में अब कृषि क्षेत्र भी नई कदमताल कर रहा है। कुछ आधुनिक संसाधनों के साथ किसान खेती की ओर कदम बढ़ा रहे हैं तो मौसम-कृषि विज्ञान केन्द्र से मदद लेेने वाले किसानों की संख्या भी बढ़ रही है। शहर के साथ अंचल के विकासखंडों से किसान केन्द्र आते हैं तो वैज्ञानिक भी गांव तक पहुंंच रहे हैं।

उज्जैनJan 29, 2022 / 11:10 am

anil mukati

आधुनिक संसाधनों के साथ कदमताल, उन्नत खेती से किसान हो रहे मालामाल

आधुनिक संसाधनों के साथ कदमताल, उन्नत खेती से किसान हो रहे मालामाल

उज्जैन. धार्मिक पहचान वाले उज्जैन जिले में अब कृषि क्षेत्र भी नई कदमताल कर रहा है। कुछ आधुनिक संसाधनों के साथ किसान खेती की ओर कदम बढ़ा रहे हैं तो मौसम-कृषि विज्ञान केन्द्र से मदद लेेने वाले किसानों की संख्या भी बढ़ रही है। शहर के साथ अंचल के विकासखंडों से किसान केन्द्र आते हैं तो वैज्ञानिक भी गांव तक पहुंंच रहे हैं।
वर्तमान समय में जो किसान कृषि विशेषज्ञों की सलाह एवं आधुनिक तकनीकों को अपनाकर कृषि कर रहे हैं उनकी लागत कम व उत्पादन बेहतर हो रहा है। कई किसान जैविक खेती भी करने लगे हैं। जैविक तरीके से उत्पादित उपज की पूछ परख सामान्य से ज्यादा रहती है। वहीं वर्तमान में कृषि के अलावा विशेषज्ञों की सलाह अनुसार पशुपालन, मधुमक्खी पालन, जैविक खाद निर्माण आदि कार्य भी करें तो किसान अतिरिक्त आमदनी अर्जित कर सकते हैं। किसानों को कृषि व उद्यानिकी फसलों की बुआई, देखरेख सहित सभी तरह की जानकारियां कृषि विज्ञान केंद्र, कृषि विभाग और उद्यानिकी विभाग द्वारा दी जाती है। वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ जीआर अंबावतिया ने बताया कि किसानों को समय-समय पर उन्नत खेती की तकनीक की जानकारी दी जाती है। इससे किसानों को लाभ भी होता है। कई किसान उन्नत तकनीक से खेती कर आज अन्य किसानों के लिए मिसाल बन गए हैं। साथ ही किसान अगर कुछ अलग प्रयोग करें तो उनका मुनाफा बढ़ सकता है।
अच्छी फसल के लिए यह भी कर सकते हैं किसान
केंचुआ खाद उत्पादन इकाई: केंचुआ खाद खेतों में डालने से उत्पादन तो बेहतर होता ही है वहीं इस खाद को काफी आसानी से तैयार किया जा सकता है। किसान स्वयं के खेतों के उपयोग के अलावा जैविक खाद को विक्रय भी कर सकते हैं, जिससे अतिरिक्त आय हो सकती है।
जीवामृत: यह गाय के गोबर से तैयार होता है। जीवामृत का छिड़काव करना फसलों के लिए लाभदायक होता है।
मिट्टी परीक्षण: आज के समय मिट्टी परीक्षण करना बहुत जरूरी हो गया है। खेत में कोई भी बीज बोने से पहले अगर मिट्टी की जांच हो जाए, तो बेहतर उत्पादन लिया जा सकता है। इससे मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी होने पर किसान फसल के लिए उपयुक्त उपाय कर सकता है।
सिंचाई तकनीक: खेतों में बुआई करने के बाद सबसे जरूरी होती है सिंचाई। मौसम मेहरबान रहा तो ठीक, नहीं तो किसानों को सिंचाई के लिए भी मशक्कत करना होती है। वर्तमान समय में सिंचाई की भी नई-नई तकनीके विकसित हो रही है। उद्यानिकी फसलों में तो स्प्रिंकिलर से सिंचाई काफी फायदेमंंद होती है।
यह भी किसानों के लिए फायदेमंद
कृषि विज्ञान केंद्र की अन्य प्रदर्शन इकाई अंतर्गत किसानों को फसल प्रसंस्करण द्वारा आय सृजन करने एवं स्वरोजगार से जोडऩे के लिए केंद्र के सेल काउंटर पर प्रसंस्कृत पदार्थ जैसे रोस्टेड अलसी, गिलोय पाउडर, मशरूम पाउडर, गाय के गोबर से निर्मित हवन कंडा इत्यादि के बारे में जानकारी दी जाती है। केंद्र के अन्य प्रदर्शन इकाई जैसे नर्सरी यूनिट, फसल संग्रहालय, सोलर प्लांट, वेदर स्टेशन, प्रकाश प्रपंच, अजोला उत्पादन इकाई, गोपालन इकाई, रूफ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम इत्यादि के बारे में जानकारी लेकर किसान लाभान्वित हो रहे हैं।
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