भगवान पशुपतिनाथ सावन के अंतिम सोमवार को शाही रथ पर सवार होकर प्रजावासियों का हाल जाननें निकलेंगे। इस बार मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान भी शाही सवारी में शामिल होंगे। यह दूसरा मौका है जब पशुपतिनाथ की सवारी में मुख्यमंत्री शामिल होंगे। प्रात:कालीन आरती मंडल के तत्वावधान में 26 वीं सवारी निकलेगी। सवारी में दिल्ली के कलाकारों की प्रस्तुतियों से लेकर विशेष झांकिया आकर्षण का केंद्र रहेगी।
शाही रथ पर भी तिरंगा लहराएगा आजादी के अमृत महोत्सव के तहत हर घर तिरंगा अभियान चल रहा है। और इस बीच शाही सवारी निकल रही है। ऐसे में भगवान पशुपतिनाथ महादेव की सवारी में शाही रथ पर भी तिरंगा लहराएगा। शाही सवारी में आरती मंडल की महिलाओं की भी विशेष भागीदारी रहेगी। इस शाही सवारी में 151 बालिकाएं विशेष वेशभूषा में रहेगी। वहीं सवारी में महिला आरती मंडल द्वारा कलश यात्रा एवं गरबा नृत्य वाला युवतियों का ग्रुप भी रहेगा। वहीं 5 चांदी के कलश वाली महिला भी विशेष पारंपरिक परिधान रहगी। सवारी में युवतियां ढोल की थाप पर पारंपरिक परिधान में शकुंतलम नृत्य करते हुए चलेंगी वही बालिकाओं का गरबा रास नृत्य आकर्षण का केंद्र रहेगा। महिलाओं की कलश यात्रा भी रहेगी। 52 युवतियां ढोल की थाप पर शकुंतलम नृत्य करती हुई चलेंगी। साथ ही 40 बालिकाओं द्वारा आकर्षक गरबा नृत्य भी किया जाएगा। सवारी में काड़बिन जो धुआं निकलेगा, बाहुबली के रुप में महादेव व हनुमान की झांकी, राम दरबार, राधा-कृष्ण, कालका के अनेक रुपों की प्रस्तुतियां के साथ डमरु, ताशा पार्टी व नासिक के ढोल के साथ मंदसौर के 51 ढोल व बैंड के साथ भगवान तापेश्वर से लेकर ओखा बावजी, नालछा माता की झांकियां भी रहेगी। जो इस सवारी को विशेष बनाएगी।
बाबा महाकाल उमा-महेश स्वरूप में दर्शन देंगे श्री महाकालेश्वर भगवान की श्रावण-भादो मास में निकलने वाली सवारी के क्रम में श्रावण माह के चतुर्थ सोमवार 8 अगस्त को शाम 4 बजे सवारी नगर भ्रमण पर निकलेगी। बाबा महाकाल उमा-महेश स्वरूप में दर्शन देंगे। भगवान श्री महाकाल बैलगाड़ी पर नंदी पर विराजमान होकर श्री उमा-महेश स्वरूप में भक्तों को दर्शन देंगे। पालकी में चन्द्रमोलीश्वर, हाथी पर मनमहेश, गरूड़ रथ पर श्री शिव तांडव प्रतिमा, नंदी रथ पर श्री उमा महेश के मुखारविंद विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे।
सवारी निकलने के पूर्व सभामंडप में श्री चन्द्रमोलेश्वर का पूजन-अर्चन होने के बाद मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा। परंपरागत मार्ग से निकलते होते हुए सवारी क्षिप्रा तट रामघाट पहुंचेगी, जहां भगवान महाकाल का क्षिप्रा के जल से अभिषेक एवं पूजा-अर्चन की जाएगी। पूजन-अर्चन के बाद सवारी निर्धारति मार्गों से होते हुए पुन: मंदिर पहुंचेगी।