मामले में बड़ी कार्रवाई की
कलेक्टर आशीष सिंह ने महाकाल मंदिर में लॉक डाउन तोड़कर दर्शन करने के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। कलेक्टर ने जोशी को पद से हटा दिया है। जोशी राजस्व निरीक्षक के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने इंदौर के पांच वीआईपी को लॉकडाउन के दौरान मंगलवार शाम 6.30 बजे महाकाल दर्शन करवा दिए थे। पूरे मामले को लेकर कलेक्टर के पास जानकारी पहुंची, तो वे भी दंग रह गए। जिन लोगों ने मंदिर में लॉकडाउन, धारा 144 का उल्लंघन करते हुए दर्शन किए हैं, उनके खिलाफ महाकाल थाने में मुकदमा दर्ज करने के भी निर्देश दिए हैं।
धर्मशाला के पीछे वाले दरवाजे से आए थे
प्राप्त जानकारी अनुसार इंदौर से आए पांच वीआईपी महाकाल धर्मशाला के पीछे वाले रास्ते, जहां से एंबुलेंस निकलती है, उससे अंदर आए थे। यहां से वे सीधे प्रवचन हॉल होते हुए कोटितीर्थ कुंड के समीप से जलद्वार तक पहुंचे और सीढ़ीयों से होकर नंदी हॉल तक चले गए थे। इस बीच गार्ड ने भी उन्हें नहीं रोका, साथ ही एंबुलेंस वाले गेट पर हर समय गार्ड तैनात रहता है, उसने इन्हें कैसे अंदर जाने दिया।
व्यवस्था पर उठ रहे सवाल
– महाकाल मंदिर में दो माह से लॉकडाउन का सभी लोग पालन कर रहे हैं, तो फिर इंदौर से आए पांच लोगों को अंदर जाने की अनुमति क्यों दी गई।
– शिखर दर्शन के लिए क्या धर्मशाला से अंदर प्रवेश करना पड़ता है।
– फेसबुक पर पोस्ट नहीं डलती, तो मामला उजागर नहीं होता, यानी इससे पहले और भी कई लोग दर्शन करके निकल गए होंगे।
मंदिर परिसर में लगे सीसीटीवी फुटेज से मामले की जांच की गई। बताया जा रहा है कि मंदिर के सहायक प्रशासनिक अधिकारी के कहने पर सुरक्षा गार्ड ने पांच लोगों को नंदी हॉल में ले जाकर दर्शन कराए। सीसीटीवी फुटेज से इन दर्शनार्थियों की पहचान करने की भी कोशिश की जा रही है।
– एसएस रावत, प्रशासक महाकालेश्वर मंदिर
इधर, महाकाल कर्मचारी कल्याण संघ का मामला भी उठा
मंदिर कर्मचारियों द्वारा महाकाल एक्ट के विरुद्ध महाकाल कर्मचारी कल्याण संघ का गठन कर लिया गया है, जिसके माध्यम से पिछले दिनों जरुरतमंदों की मदद के लिए अन्नक्षेत्र में खाद्य सामग्री दान की गई थी। कर्मचारियों की अलग से समिति बनने के बाद पुजारी और पुरोहित समिति को लेकर भी सवाल खड़े हो गए थे। अब इसके बाद जो बातें भोपाल तक पहुंची हैं, उनमें सामने आया है कि जो कर्मचारी लाखों रुपए का दान कर रहे हैं, वे फिर मंदिर समिति से वेतन क्यों व किस आधार पर ले रहे हैं। अन्य कर्मचारियों से चंदा वसूल कर कल्याण संघ का गठन करने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई का अंदेशा जताया जा रहा है।