विकास कार्यों के साथ ही श्रद्धालुओं के लिए कई सुविधाएं भी जुटाई जा रही हैं। न केबल महाकाल मंदिर बल्की रामघाट और क्षिप्रा नदी को भी संवारने की योजना है। खास बात यह कि 500 करोड़ के चल रहे विकास कार्यों का एक हिस्सा फरवरी 2022 तक पूरा होने की संभावना है। जब मंदिर के विकास के सभी कार्य पूर्ण होंगे तो यह कहने में अतिशियोक्ति नहीं होगी कि बाबा महाकाल का आंगन प्रदेश का नया काशी बनकर उभरेगा।
स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत महाकाल मंदिर का विकास किया जा रहा है। इसमें महाकाल मंदिर के अंदर और बाहर निर्माण किए जा रहे हैं। इनमें से कुछ कार्य 80 फीसदी तक पूरे हो गए हैं। विशेषकर महाकाल मंदिर प्रवेश के लिए 900 मीटर लंबा कॉरिडोर बनाया जा रहा है। इस कॉरिडोर को कलात्मकता के साथ हेरिटेज की दृष्टि से विकसित किया जा रहा है। यहां पर भी भव्य मूर्तियां तथा म्यूरल्स लगाए जा रहे हैं। मंदिर में फेसेलिटी सेंटर, मंदिर के बाहर चौड़ीकरण तथा मकानों के अधिग्रहण जैसे काम भी प्रचलित हैं।
मंदिर में हो रहे विकास कार्यों को फरवरी में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा भी देखे जाने का प्रस्ताव है। मुख्यमंत्री पूर्व में ही कह चुके हैं कि शिवरात्रि पर महाकाल मंदिर को दीयों से जगमगाया जाएगा। इसके लिए मंदिर की समिति अयोध्या में पहुंचकर व्यवस्था भी देख चुकी है। मंदिर में लाइटिंग का काम पूरा हो चुका है। ऐसे में सिंहस्थ 2028 से पहले महाकाल मंदिर एक नया वैभव लिए देश दुनिया के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा।
खानपान का ले सकेंगे मजा
महाकाल मंदिर के विस्तारीकरण में महज मंदिर का विकास ही नहीं बल्की श्रद्धालुओं की सुविधाओं को भी ख्याल रखा जा रहा है| महाकाल परिसर के मुख्य गेट पर इटिकटिंग, फूड कियोस्क, ओपन एयर थियेटर बनाया गया है। 900 मीटर कॉरिडोर में इ-रिक्शा व पैदल पाथ। थीम पार्क में नाइट गार्डन, सीटिंग एरिया रहेगा। इसके अलावामार्केट, रेस्टारेंट व अन्य सुविधाएं भी रहेगी।
गंगा की तरह क्षिप्रा स्नान कर आ सकेंगे मंदिर
काशी विश्वनाथ में श्रद्धालुओं के लिए ऐसी व्यवस्था की गई है कि वह गंगा स्नान कर सीधे मंदिर पहुंच सकते हैं। बाबा महाकाल मंदिर में भी श्रद्धालुओं के यह सुविधा रहेगा। क्षिप्रा स्नान कर श्रद्धालु महाकाल कॉरिडोर के माध्यम से मंदिर पहुंच सकेंगे | क्षिप्रा में स्वच्छ जल रहने के लिए प्रयास शुरू किए जा रहे हैं। खान नदी के पानी को रोकने की कवायद हो रही है।
विकास कार्य, जो अवतिका को बनाएंगे काशी
मंदिर विस्तार
महाकाल मंदिर का विस्तार करके इस आठ गुना बड़ा किया जा रहा है। वर्तमान में मंदिर 2.82 हेक्टेयर में फैला है। अब इसका क्षेत्रफल 20.82 हेक्टयर हो जाएगा। इसमें छोटे-बड़े रूद्र सागर भी शामिल हो जाएगी।
फैसिलिटी सेंटर
मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए फैसिलिटी सेंटर बनाया जा रहा है। इसका 80 फीसदी काम पूरा हो गया है। इसके बनने से श्रद्धालुओं के लिए तिरुपति धाम जैसी सुविधाएं मिलेंगी और दर्शन आसानी से हो सकेंगे।
चौड़ीकरण
महाकाल मंदिर केसामने चौड़ीकरण किया जा रहा है। 11 मकानों का अधिग्रहण किया जा चुका है। वहीं 152 मकानों के अधिग्रहण की प्रक्रिया प्रचलन में है। मकानों के अधिग्रहण से मिलने वाली जमीन पर सौंदर्यीकरण किया जाएगा।
मार्गों का चौड़ीकरण
मंदिर पहुंच के लिए मार्गों का चौड़ीकरण प्रस्तावित है। चारधाम मंदिर के सामने स्मार्ट रोड को टू-लेन में, हरिफाटक ब्रिज की शाखाओं का चौड़ीकरण तो मंदिर के आसपास की सड़कों का भी चौड़ीकरण किया जाना है। इससे मंदिर पहुंच के लिए आसान मार्ग उपलब्ध होगा। इसके अलावा 350 वाहनों के लिए पार्किंग बनाया जा रहा है।
महाराजवाड़ा भवन
मंदिर के पास महाराजवाड़ा भवन को हेरिटेज लुक धर्मशाला में विकसित किया जाएगा। यहां पार्किंग के साथ बगीचा व सौंदर्यीकरण किया जाएगा। इसी के साथ महाकाल द्वार को भी करोड़ों रुपए से उसके पुराने रूप में निर्माण किया जा रहा है।
रूद्रसागर
मंदिर के पीछे रूद्रसागर श्रद्धालुओं के लिए सबसे आकर्षण का केंद्र रहेगा। रूद्रसागर के चारों ओर हरियाली के साथ घाट बनाए जाएंगे। जहां श्रद्धालु बैठ सकेंगे। पक्षियों के लिए टापू, ब्रिज व बोटिंग की सुविधा भी विकसित की जाएगी। लाइट एंड साउंड शो- रूद्रसागर में ही लाइट एंड साउंड शो लगाया जाएगा। अक्षरधाम मंदिर की तर्ज पर लगने वाला लाइटिंग श्रद्धालुओं को आकर्षित करेगी।