सिर में चोट लगने से कर्मचारी घायल
महाकाल मंदिर में दूसरे दिन फिर हादसा होने के कारण थोड़ी देर के लिए हड़बड़ी मच गई। मंदिर कर्मचारियों के अनुसार निर्माण कार्य के चलते सेंटिंग की लकड़ी ऊपर से फेंकी जा रही थी, जो निजी सफाई कंपनी के कर्मचारी अंकित पिता कैलाश चौहान निवासी अब्दालपुरा के सिर पर जा गिरी। जिससे वह बुरी तरहर घायल हो गया। अंकित को अन्य कर्मचारियों ने तत्काल उठाया और मंदिर की ही एंबुलेंस से संजीवनी हॉस्पिटल में भर्ती कराया। कर्मचारियों के अनुसार मंदिर में निर्माण कार्य चल रहा है, सेंटिंग में लगी लकड़ी मजदूर ऊपर से नीचे डाल रहे थे, तभी कर्मचारी उसकी चपेट में आ गया। डॉक्टर के अनुसार कर्मचारी की हालत गंभीर है, इसलिए उसे आईसीयू में रखा गया है।
शुक्रवार को टला था बड़ा हादसा
महाकाल मंदिर में शुक्रवार को बड़ा हादसा होते-होते टल गया। दर्शन करने आए श्रद्धालु बाल-बाल बचे। मंदिर के बाहर पीपल के पेड़ की बड़ी टहनी अचानक गिर गई। घटना के वक्त श्रद्धालुओं की संख्या कम होने से कोई जनहानि नहीं हुई। इसके बाद मंदिर के चारों ओर खतरनाक स्थिति वाले वृक्षों की टहनियों को हटाने के निर्देश दिए गए हैं। बताया जा रहा है कि दर्शनार्थियों का समूह कुछ देर पहले ही इस पेड़ के नीचे से निकला था। गनीमत रही कि उस वक्त यह टहनी नहीं गिरी, नहीं तो गंभीर हादसा हो सकता था।
कुछ देर पहले ही निकले थे पेड़ के नीचे से
महाकाल मंदिर के बाहर फेसेलिटी सेंटर से प्रशासनिक कार्यालय के रास्ते पर स्थित सामान्य भस्म आरती बुकिंग काउंटर के पास शुक्रवार शाम ४ बजे पीपल के वृक्ष की बड़ी टहनी गिर गई। श्रद्धालुओं की संख्या अन्य दिनोंं की तुलना में कम होने से रास्ते पर अधिक लोग नहीं थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार घटना से चंद मिनट पहले ही कुछ लोगों का समूह इस स्थान से निकला था। भाग्य से टहनी उस वक्त नहीं गिरी, वरना गंभीर हादसा हो सकता था। मंदिर की निजी सुरक्षा एजेंसी थर्ड आई के गार्डस् ने टहनी को काटकर अलग किया।
महाकाल में घटनाओं का फ्लैश बेक
महाकाल मंदिर में पहले भी पेड़ गिरने की घटना हो चुकी है। जून २०१४ में मंदिर परिसर में नवग्रह मंदिर के समीप लगी वृक्ष त्रिवेणी में से एक पेड़ चबूतरे पर गिर जाने से वहां खेल रहे दो बच्चों की मौत हुई थी। कुछ यात्रियों को चोट भी आई थी। यह घटना रात को हुई थी। पेड़ गिरने से दो बच्चों की मौत हुई थी। हादसा शयन आरती के ऐन पहले रात 10.30 बजे हुआ था।
पांच बच्चे आए थे चपेट में
हादसे में एक ही परिवार के पांच बच्चे पेड़ की चपेट में आए थे, जिसमें दो बच्चे काल कवलित हुए थे। प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख और घायलों को पचास हजार रुपए की मदद की थी।
दो बच्चों की हुई थी मौत
शयन आरती में शामिल होने आए श्रद्धालु परिसर में ही स्थित नवग्रह मंदिर के पास चबूतरे पर बैठे थे। तभी समीप स्थित नीम का पेड़ धराशायी हो गया था, जो सीधे चबूतरे पर गिरा था। परिजनों के साथ बैठे खुशी पिता राजेश वर्मा (8) निवासी अजनास खातेगांव, विनीत उर्फ भय्यू पिता सुरेश पचलानी (12) निवासी सारंगपुर और भविष्य सेन (6), मानस्वी पिता कमलेश गेहलोत (8) और उसका डेढ़ वर्षीय भाई पार्थ चपेट में आए थे। पांचों को गंभीर हालत में जिला अस्पताल लाया गया था, जहां खुशी और विनीत की मौत हुई थी।
पेड़ों की कटाई-छटाई शुरू करवाई
शुक्रवार को पेड़ गिरने की घटना के बाद मंदिर प्रशासन अलर्ट हुआ और परिसर तथा बाहर लगे पेड़ों की कटाई-छंटाई शुरू की गई है। इस कार्य में फिलहाल सफाई कंपनी के लोग और मंदिर कर्मचारियों की मदद ली जा रही है।
टनल में हुई थी महिला की मौत
महाकालेश्वर मंदिर में सिंहस्थ के पहले निर्माणाधीन टनल की दीवार भरभराकर गिर गई थी, जिसमें मजदूर महिला की मौत हुई थी। लगातार खुदाई और नित नए प्रयोग किए जाने के कारण मंदिर के अंदर और बाहर खतरा बना हुआ है। अब बारिश के दौरान मंदिर परिसर के बाहर करीब एक दर्जन पेड़ों पर खतरा मंडरा रहा है।