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उज्जैन

महाशिवरात्रि: आज महाकाल बनेंगे दूल्हा, ऐसे होंगे दर्शन

देश-विदेश से उमड़ेंगे लाखों भक्त, नानाखेड़ा, देवासगेट बस स्टैंड से महाकाल तक मिलेगी नि:शुल्क बस सुविधा

उज्जैनFeb 20, 2020 / 11:57 pm

anil mukati

महाशिवरात्रि: आज महाकाल बनेंगे दूल्हा, ऐसे होंगे दर्शन

देश-विदेश से उमड़ेंगे लाखों भक्त, नानाखेड़ा, देवासगेट बस स्टैंड से महाकाल तक मिलेगी नि:शुल्क बस सुविधा

उज्जैन. राजाधिराज भगवान महाकाल का दरबार रोशनी से जगमगा रहा है। भगवान दूल्हा रूप में सजने को आतुर हैं, वहीं लाखों भक्त बाराती बनकर उनसे आशीर्वाद लेंगे। महाकाल मंदिर में चाक-चौबंद व्यवस्था हो चुकी है। चारों तरफ बैरिकेड्स और सुलभ दर्शन की तैयारी पूर्ण कर ली गई है। वहीं आने वाले भक्तों के लिए देवासगेट और नानाखेड़ा बस स्टैंड से महाकाल मंदिर तक 4-4 बसें चलाई जाएंगी।
शुक्रवार को भोले के दरबार में महाशिवरात्रि पर्व की धूम रहेगी। भगवान श्री महाकालेश्वर का सतत जलधारा से अभिषेक होगा। वहीं चंदन शृंगार में वे भक्तों को दर्शन देंगे। दोपहर 12 बजे गर्भगृह में तहसील की ओर से पूजा की जाएगी। शाम 4 बजे होलकर एवं सिंधिया स्टेट की ओर से पूजन होगा। रात 11 बजे से गर्भगृह में भगवान का महाअभिषेक आरंभ होगा। उसके बाद भगवान को पुष्प मुकुट धारण करवाने की तैयारी शुरू होगी। 22 फरवरी को सुबह से लेकर दोपहर 1०.३० बजे पुष्प मुकुट शृंगार के दर्शन होंगे। इसके बाद 12 बजे भस्म आरती होगी, जो वर्ष में एक बार ही दोपहर में होती है। जिला प्रशासन, मंदिर प्रशासन तथा पुलिस प्रशासन, नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग, पीएचई आदि द्वारा चाक-चौबंद व्यवस्था की गई है। सभी को सुलभ दर्शन हो सके, इसके इंतजाम किए गए हैं। दर्शनार्थियों के लिए पेयजल, स्वास्थ्य सुविधा, गर्मी को देखते हुए शामियाने आदि लगाए गए हैं।
ऐसे करें महाकाल दर्शन, यह रहेगी व्यवस्था
महाशिवरात्रि पर्व पर सामान्य दर्शनार्थी हरसिद्धि मंदिर चौराहे से बड़ा गणेश मंदिर, पुलिस चौकी, सरस्वती शिशु मंदिर मैदान, माधवसेवा न्यास पार्किंग, मुख्य प्रवेश द्वार, शहनाई जिक-जेक, टनल छत, फेसेलिटी सेन्टर, टनल, नैवेद्य कक्ष के सम्मुख 6 नंबर गेट से होते हुए कार्तिक व गणेश मंडपम से होते हुए बाबा महाकाल के दर्शन पश्चात निर्गम द्वार से बाहर निकलेंगे।
दिव्यांग, ड्यूटीरत कर्मचारी यहां से करेंगे प्रवेश
दिव्यांगजन, ड्यूटीरत पासधारी कर्मचारी, 250 रुपए की शीघ्र दर्शन टिकटधारी और वृद्धजन की हरसिद्धि से अलग कतार चलेगी, यहां से बड़ा गणेश होते हुए भस्म आरती गेट नं. 4 से प्रवेश करेंगे। इसी तरह हरसिद्धि मंदिर चौराहे से ही पुजारी, पुरोहित एवं उनके परिजन अलग से कतार में होकर महाकाल प्रवचन हॉल से कोटितीर्थ कुंड होते हुए प्रवेश करेंगे।
प्रवेश पास में रहेगा क्यूआर कोड
महाशिवरात्रि पर्व पर इस बार प्रवेश पास में क्यूआर कोड भी रहेगा। ये पास समस्त ड्यूटीरत कर्मचारियों, मीडिया, पुजारी, पुरोहित, प्रतिनिधि, परिवारजन, सर्विस वाहन आदि में नजर आएगा। शांति एवं कानून व्यवस्था के लिए संपूर्ण मंदिर परिक्षेत्र में कार्यपालिक दंडाधिकारियों की ड्यूटी लगाई है। विभिन्न विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भी तैनात किया गया है।
हरसिद्धि चौराहे पर बनाए अस्थाई जूता स्टैंड
पर्व पर दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के जूता-चप्पल रखने के अस्थाई जूता स्टैंड की व्यवस्था विकास प्राधिकरण द्वारा की गई है। ये अस्थाई जूता स्टैंड हरसिद्धि मंदिर चौराहे पर बनाए गए हैं। दर्शन के बाद वापस लौटने पर यहीं से श्रद्धालुओं को अपनी चरण पादुकाएं मिल जाएंगी।
पुजारी-पुरोहित के अलावा किसी को नहीं मिलेगा गर्भगृह में प्रवेश
महाशिवरात्रि पर्व पर श्रद्धालुओं को सुगमता से दर्शन के संबंध में राज्य सरकार के निर्णयानुसार जिले के प्रभारी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने निर्देश दिए थे कि, पर्व के दिन पुजारी-पुरोहितों के अलावा गर्भगृह में आम और वीआइपी का प्रवेश निषेध रहेगा।
यहां से होगा मीडिया का प्रवेश
मीडिया का प्रवेश बेगमबाग वाले रूट से माधव सेवा न्यास के पीछे बने पार्किंग पर अपने वाहन रखकर शंख चौराहा के पास निर्माल्य गेट फेसेलिटी सेन्टर के समीप बने गेट से प्रवेश कर बाल हनुमान मन्दिर के समीप से होते हुए रैम्प से कंट्रोल रूम मीडिया सेन्टर पहुंचेंगे।
आज आएंगे प्रभारी मंत्री वर्मा
जिले के प्रभारी एवं लोक निर्माण तथा पर्यावरण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा 21 फरवरी को उज्जैन प्रवास पर आ रहे हैं। निर्धारित कार्यक्रम अनुसार सुबह 10.15 बजे इंदौर से रवाना होकर 11.15 पर उज्जैन पहुंचेंगे। यहां वे महाशिवरात्रि अवसर पर भगवान महाकालेश्वर के दर्शन करेंगे। इसके उपरांत दोपहर 12 बजे सोनकच्छ के लिए रवाना होंगे।
हर दिन हुए बाबा महाकाल के अनूठे शृंगार
शिवरात्रि के नौ दिन पहले १३ फरवरी से शिवनवरात्रि पर्व मनाया गया। इस दौरान प्रतिदिन संध्या कालीन आरती के पहले बाबा महाकाल के अनूठे शृंगार हुए। भक्तों ने विविध स्वरूपों में बाबा के दर्शन किए। पुजारी प्रदीप गुरु के अनुसार भगवान महाकाल को दूल्हा स्वरूप में सजाया जाता है। इसलिए ये विविध शृंगार होते हैं। यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है।

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