भगवान श्री महाकाल के दरबार में महाशिवरात्रि पर्व की धूम रही। समिति सदस्य आशीष पुजारी के अनुसार बैठक में हमारे द्वारा दिए गए सुझाव पर अमल किया गया, पहली बार गर्भगृह से वीवीआईपी को दूर रखा गया, जिससे पीछे खड़े श्रद्धालुओं को बाबा के दर्शनों में किसी तरह का व्यवधान उत्पन्न नहीं हुआ। वहीं मंदिर के बाहर भी अलग-अलग प्रवेश द्वार बनाए गए थे, जिससे पुजारी-पुरोहित, प्रेस-मीडिया व अन्य वीआईपी को अंदर आने में आम भक्तों को परेशान नहीं होना पड़ा। हालांकि हरसिद्धि मंदिर के सामने चौराहे पर भीड़ का दबाव अधिक रहा, लेकिन बाकी अन्य हिस्सों में व्यवस्था चाक-चौबंद रही।
थाइलैंड और मलेशिया के फूलों से सजा दरबार
बैंगलोर से आए भक्त कृष्णा व 12 लोगों की टीम अपने साथ थाइलैंड और मलेशिया से फूल, पत्तियां आदि लेकर आए थे, जिससे नंदी हॉल, मुख्य गेट को आकर्षक ढंग से सजाया। सहायक प्रशासनिक अधिकारी आरके तिवारी ने बताया इस आयोजन में करीब ३ लाख रुपए का खर्च उन्होंने किया। बताया जा रहा है कि ये फूल और पत्तियों से बने गेट 10 दिनों तक ऐसे ही रहेंगे।
पहली बार शासकीय पूजा में 11 हजार की राशि भेंट
पुजारियों द्वारा मांग की गई थी कि शासकीय पूजा का खर्च शासन स्तर पर ही होना चाहिए। यही वजह रही कि जब प्रभारी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा दर्शन करने आए तो उन्होंने पूजन की थाली और 11 हजार रुपए मंदिर समिति अध्यक्ष कलेक्टर शशांक मिश्र को सौंपे और पर्व पर की गई व्यवस्थाओं की सराहना की। इसी के साथ पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की पत्नी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पत्नी, गृहमंत्री बाला बच्चन सहित अन्य वीवीआईपी ने बाबा के दर्शन किए।
कंट्रोल रूम से रखी अधिकारियों ने नजर
मंदिर के कंट्रोल रूम से अधिकारियों ने चप्पे-चप्पे पर नजर रखी। संभागायुक्त अजीत कुमार, आईजी राकेश गुप्ता, कलेक्टर शशांक मिश्र, एसपी सचिन अतुलकर, प्रशासक एसएस रावत ने पूरे मंदिर की व्यवस्थाओं पर निगरानी रखी व कर्मचारियों को दिशा निर्देश देते रहे।
आज दोपहर में होगी भस्म आरती
शिवरात्रि के दूसरे दिन शुक्रवार को भगवान महाकाल पुष्प मुकुट धारण कराया जाएगा। वर्ष में एक ही बार महाशिवरात्रि पर्व के दूसरे दिन दोपहर में भस्म आरती होगी। सुबह 4 बजे से पुष्प मुकुट चढऩा आरंभ होगा और 6 बजे सेहरा आरती होगी। सुबह 11 बजे से सेहरा उतरेगा। दोपहर 12 से 2 बजे तक भगवान महाकाल की भस्म आरती होगी। दोपहर 2.30 से 3 बजे तक भोग आरती के बाद ब्राह्मण भोज होगा। संध्या पूजन शाम 5 से 5.45 बजे भगवान को जल चढऩा बंद होगा। शाम 6.30 बजे से 7.15 बजे तक संध्या आरती और रात्रि 10.30 बजे शयन आरती के बाद 11 बजे पट मंगल होंगे।