वर्षों पुरानी पुलियाओं के निर्माण में आ रही अटकलों को दूर करने के लिए गुरुवार को एसडीएम आरपी वर्मा ने कार्यालय में बैठक की।
उज्जैन•Sep 26, 2019 / 11:53 pm•
Ashish Sikarwar
वर्षों पुरानी पुलियाओं के निर्माण में आ रही अटकलों को दूर करने के लिए गुरुवार को एसडीएम आरपी वर्मा ने कार्यालय में बैठक की।
नागदा. वर्षों पुरानी पुलियाओं के निर्माण में आ रही अटकलों को दूर करने के लिए गुरुवार को एसडीएम आरपी वर्मा ने कार्यालय में बैठक की। प्रयोजन था मंडी के समीप मौजूद पुलियाओं के निर्माण में आ रही परेशानियां दूर की जाएं। दरअसल वर्षों पुरानी हो चुकी चेतनपुरा व दशहरा मैदान की पुलिया के निर्माण में मंडी पहुंच रहे भारी वाहन बाधा बन रहे हैं। आगामी दिनों में मंडी में खरीदी शुरू होने से दिक्कतें आएंगी। इसके निराकरण के लिए एसडीएम ने मंडी सचिव बीएल चौधरी, नपा इंजीनियर रईस कुरैशी, मंडी व्यापारियों व चौपाल सागर के अधिकारियों की बैठक ली। चर्चा में मंडी राजा जन्मेजय बस स्टैंड पर 10 दिनों तक अस्थायी संचालित किए जाने की बात रखी गई।
जन्मेजय बस स्टैंड नहीं तो चौपाल सागर
एसडीएम ने जन्मेजय बस स्टैंड के अलावा उन्हेल मार्ग पर स्थित चौपाल सागर में मंडी के संचालन किए जाने का सुझाव दिया। चौपाल सागर उज्जैन मार्ग पर होने के साथ ही पार्किंग व अनाज के भंडारण के लिए उपयुक्त है।
चौपाल सागर पर मंडी को संचालित किए जाने के लिए कार्यरत अधिकारियों से विचार कर प्रतिउत्तर मांगा गया है। दोनों ही स्थानों पर मंडी को संचालित किए जाने में व्यापारियों ने परेशानी बताते हुए कुछ समय की मांग की है।
बन सकेगी बड़ी पुलिया
अस्थायी तौर पर मंडी के स्थानांतरण हो जाने के बाद से नगरपालिका को जर्जर हो चुकी पुलियाओं के निर्माण में सुविधा हो सकेगी। दूसरी ओर निर्माण के बाद से पुलिया चौड़ी हो जाने से शहर में जाम की स्थिति नहीं बन सकेगी।
बता दें कि तीनों पुलियाओं के निर्माण को लेकर नगरपालिका द्वारा करीब आठ माह पूर्व ही टेंडर जारी किए जा चुके हैं, लेकिन ठेकेदार की लापरवाही के चलते कार्य शुरू नहीं हो सका है।
क्या है पूरा मामला
दरअसल भारी बारिश के चलते चेतनपुरा पुलिया, दशहरा मैदान पुलिया व कृषि उपज मंडी के पिछले गेट पर मौजूद पुलिया पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई हैं। ऐसे में यदि इनसे भारी वाहन गुजरेंगे तो हादसों का डर रहेगा। दुर्घटना पर अकुंश लगाए जाने के प्रयोजन से एसडीएम व नपा अधिकारियों ने मंडी सचिव के साथ बैठक कर दस दिनों तक मंडी को राजा जन्मेजय बस स्टैंड पर संचालित किए जाने की हिदायत दी, लेकिन मंडी व्यापारियों ने निर्देश पर अमल किए जाने के बाद उन्हें आने वाली परेशानियों से अवगत कराया। इनका तर्क था कि यदि एक या दो दिन की बात हो तो उन्हें अस्थायी मंडी संचालित किए जाने में किसी प्रकार की परेशानी नहीं है, लेकिन दस से 12 दिनों तक संचालन किया जाना उनके लिए परेशानी व आर्थिक नुकसान की परेशानी खड़ा कर सकता है।