एेसे कर रहे जतन
तराना के एक वरिष्ठ नेता दो-तीन बार दिग्विजयसिंह से मिलने दिल्ली के चक्कर काट चुके हैं।
जिले के एक जनप्रतिनिधि जिन्होंने नई कुर्सी पाने के साथ दावेदारी नहीं करने की बात कही थी, वे भी दिल्ली जा चुके हैं।
मुख्य रूप से महापौर के लिए दावेदारी कर रहे एक नेता लोकसभा का टिकट मिलने की उम्मीद में अपना अधिकांश समय शहर कांग्रेस कार्यालय में बिता रहे हैं।
एक नेता अपने रिश्तेदार को टिकट दिलाने के लिए बटुकशंकर जोशी से साथ मांग रहे हैं वहीं मुख्यमंत्री कमलनाथ से भी गुहार लगा चुके हैं। वे कुछ विधायकों का समर्थन मिलने का दावा भी कर रहे हैं।
महापौर चुनाव के टिकट को प्राथमिकता पर रखने वाले कांग्रेस के एक विभाग के अध्यक्ष ने किसी बड़े नेता से तो टिकट नहीं मांगा, पर अपना नाम चर्चाओं में आने पर उम्मीद बनाकर बैठ हैं।
एक दावेदार संगठन के कार्य और मुख्यमंत्री कमलनाथ से उम्मीद लगाने के साथ अधिकारी-कर्मचारियों की पुरानी टीम का सहारा ले रहे हैं।
इंदौर से उज्जैन आए शहर कांग्रेस के एक पदाधिकारी अध्यक्ष महेश सोनी से उम्मीद लगाए हैं वहीं पर्यवेक्षकों को भी अपना समय दे रहे हैं। अपने नाम का माहौल बनाने के लिए उनसे सहयोग भी मांग रहे हैं।
महापौर टिकट के ही एक उम्मीदवार, प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवारों की शिकायत करने के साथ स्वयं को पार्टी के लिए सक्रिय दिखाने में जुटे हैं। इसलिए स्थानीय के साथ सक्रिय कार्यकर्ता को टिकट देने की पैरवी करते हैं।
घट्टिया के एक नेता ने दावेदारी ही नहीं की थी लेकिन कुछ दिन पहले अचानक नाम आने से उन्होंने भी टिकट के सपने सजा लिए हैं। वे विधानसभा में टिकट नहीं मिलने का हवाला देकर अपना अधिकार जता रहे हैं।
इन दावेदारों के नामों की चर्चा – नितिश सिलावट, – सीमा परमार, बाबूलाल मालवीय, जितेंद्र गोयल, सुरेंद्र मरमट, जेसी बोरासी, तेजकरण मालवीय, दीपक मेहरे, जितेंद्र तिलकर।