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कोरोना काल में कैसे गूंजेगा जय-महाकाल…सावन की सवारियों पर मंथन

Ujjain News: श्रावण-भादौ मास में निकलने वाली भगवान महाकालेश्वर की सवारियों को लेकर महाकाल मंदिर प्रबंध समिति तीन विकल्पों पर विचार कर रही है।

उज्जैनJun 25, 2020 / 12:23 pm

Lalit Saxena

Ujjain News

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उज्जैन. कोरोना काल में जय-महाकाल और ओम नम: शिवाय की गूंज कैसे सुनाई देगी, यह इस बार थोड़ा कठिन लग रहा है। प्रशासन भी इस बार सावन की सवारियों को लेकर पसोपेश वाली स्थिति में नजर आ रहा है। क्योंकि महाकाल मंदिर से सावन-भादौ मास के हर सोमवार को सवारियां निकाली जाती हैं। भीड़ से बचने के लिए प्रशासन भी अपनी तैयारी में जुटा है।

समिति की यह है रणनीति
श्रावण-भादौ मास में निकलने वाली भगवान महाकालेश्वर की सवारियों को लेकर महाकाल मंदिर प्रबंध समिति तीन विकल्पों पर विचार कर रही है। हालांकि अधिकृत तौर पर सवारी मार्ग का निर्णय मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में होगा, लेकिन समझा जाता है कि कोरोना और भीड़ प्रबंधन का विषय है, ऐसे में यह बात क्राइसेस मैनेजमेंट कमेटी की बैठक में भी उठेगी, जो कि आज या कल होने जा रही है। बाबा महाकाल की श्रावण-भादौ मास की सवारी को लेकर महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति जगन्नाथ रथ यात्रा को लेकर होने वाले निर्णयों का इंतजार कर रही थी। चूंकि न्यायालय ने अब रथ यात्रा की परंपरा को कायम रखते हुए निर्देश दिए हैं, ऐसे में वहां कफ्र्यू के बीच यात्रा निकाली गई। उज्जैन में जिला एवं पुलिस प्रशासन से हटकर सामाजिक क्षेत्रों से जो सुझाव आ रहे हैं, वे बहुउपयोगी माने जा रहे हैं। ऐसा होने पर न तो शहर में कफ्र्यू लगाना होगा और न ही शहर की सारी गतिविधियां प्रभावित होंगी।

यह कर सकता है प्रशासन
1. सवारी मंदिर से निकलकर बड़ा गणेश के सामने से हरसिद्धि के बगल से होते हुए झालरिया मठ के समीप से रामघाट तक जाए। वापसी में सवारी इसी मार्ग से पुन: मंदिर आ जाए।

2. सवारी मंदिर से बड़ा गणेश, हरसिद्धि से होते हुए झालरिया मठ के पास से रामघाट जाए। वापसी में रामानुजकोट के पास से हरसिद्धि घाटी चढ़कर, बड़ा गणेश होते हुए मंदिर आ जाए।

3. सवारी मंदिर से बड़ा गणेश, हरसिद्धि होते हुए झालरिया मठ से रामघाट तक जाए। वापसी में रामानुजकोट से कहारवाड़ी, गुदरी, कोट मोहल्ला चौराहा, होकर मंदिर आ जाए।

इन बिंदुओं पर भी करना होगा गौर
– सवारी मार्ग छोटा रहेगा, लेकिन रामघाट तक पालकी ले जाने की परंपरा बाधित नहीं होगी।

– यह मार्ग ऐसा है, जहां सवारियों में बढ़ते क्रम में बाबा के दर्शनों के स्वरूप निकलने वाली झांकियों को शामिल करने पर बाधा नहीं आएगी।

– सवारी मार्ग के समीपस्थ क्षेत्रों को ही आम आवाजाही के लिए प्रतिबंधित कर दिया जाए।

– कुछ क्षेत्रों से सुझाव आए हैं कि शेष शहर रोज की भांति चलायमान रहेंगे ताकि यह संदेश न जाए कि शहर में कफ्र्यू लगाकर सवारी निकाली।

सावन मास में महाकाल की सवारी को लेकर मीटिंग
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