राघोपिपलिया के स्टॉपडैम में छोटी-सी भी तकनीकी समस्या आती है तो खान का पानी ओवरफ्लो होकर शिप्रा में मिल जाता है। जियोस सदस्यों ने एक सुर में खान पर उच्चस्तरीय ट्रीटमेंट प्लांट लगाने का प्रस्ताव रखा है। करीब आठ महीने बाद प्रभारी मंत्री भूपेंद्रसिंह की अध्यक्षता में मेला कार्यालय में जियोस की बैठक हुई। शुरुआत में ही सांसद चिंतामणि मालवीय ने शिप्रा शुद्धिकरण को गंभीर मुद्दा बताते हुए खान का पानी नदी में मिलने की जानकारी दी। उन्होंने कहा, खान से शिप्रा गंदी हो रही है और मछलियां मर रही हैं। विधायक मोहन यादव ने बताया, खान डायवर्सन प्रोजेक्ट ४०० करोड़ रुपए का था, लेकिन बाद में सौ करोड़ रुपए की पाइप लाइन बिछा दी गई। महिदपुर विधायक बहादुरसिंह चौहान ने कहा, उज्जैन में खान डायवर्सन होना अच्छा है लेकिन आगे इसका गंदा पानी महिदपुरवासियों को मिलता है। जनप्रतिनिधियों ने गोठड़ा व हामुखेड़ी के आसपास एक-एक स्टॉपडैम बनाने और ट्रीटमेंट प्लांट लगाने का सुझाव दिया। कलेक्टर मनीषसिंह ने बताया, स्टॉपडैम के लिए ३० लाख रुपए उपलब्ध है लेकिन और राशि की आवश्यकता पड़ेगी। जिला पंचायत अध्यक्ष महेश परमार ने सौ करोड़ रुपए खर्च होने के बावजूद शिप्रा की दयनीय स्थिति पर सवाल उठाते हुए पूरे प्रोजेक्ट की उच्च स्तरीय जांच की मांग की। बैठक में यूडीए अध्यक्ष जगदीश अग्रवाल, निगम सभापति सोनू गेहलोत, राजश्री जोशी, एसपी सचिन अतुलकर, निगमायुक्त विजयकुमार जे. भी मौजूद थे।
अध्यक्ष बोले -चरण छूता हूं, पानी दे दो
ग्रामीण क्षेत्रों में नलजल योजना को लेकर पीएचई अधिकारियों ने बताया कि स्थिति ठीक है और कहीं भी जल परिवहन की स्थिति नहीं है। जिला पंचायत अध्यक्ष ने इसका विरोध करते हुए कहा, हमारा गांव में घुसना मुश्किल हो गया है। कई गांवों में पानी की समस्या है, बच्चे कतार में लगकर पानी भर रहे हैं। विभाग ने काम किया लेकिन ठेकेदार छोटे-छोटे काम नहीं कर रहे, जिससे रुपए खर्च होने के बाद भी पानी नहीं मिल रहा है।
महिदपुर विधायक चौहान ने परमार से कहा, आप जिला पंचायत अध्यक्ष हैं, पंचपरमेश्वर की राशि पर जो प्रतिबंधन है, उसे दिखवाएं। इसको लेकर दोनों के बीच गहमागहमी भी हुई।
प्रभारी मंत्री के पूछने पर जिला पंचायतत प्रभारी सीइओ ने प्रतिबंधन नहीं होने की जानकारी दी। इस पर नागदा विधायक दिलीपसिंह शेखावत ने कहा, प्रभारी सीइओ गलत जानकारी दे रहे हैं।
पंच परमेश्वर की राशि खर्च नहीं करने दी जा रही है। जिप अध्यक्ष परमार ने प्रभारी मंत्री से कहा, मैं आपके चरण छूकर कहता हूं, पानी के मुद्दे पर गंभीरता से विचार करें, गांवों में स्थिति बहुत खराब है।
भाजपा ग्रामीण अध्यक्ष श्याम बंसल बोले, नल जल में पानी का सोर्स नहीं देखा जाता है। एक अन्य सदस्य ने कहा, विभाग २४ घंटे पानी का दावा कर रहा है जबकि ४ घंटे भी पानी नहीं आ रहा। पानी का मुद्दा गहराने पर प्रभारी मंत्री बोले, पेयजल सरकार की प्राथमिकता है।
कलेक्टर मनीष सिंह सक्षम हैं, उज्जैन को उनसे काफी उम्मीदें
खान पर चर्चा के बाद प्रभारी मंत्री ने इसके परीक्षण और कार्रवाई का जिम्मा कलेक्टर मनीषसिंह को दिया है। प्रभारी मंत्री ने कहा, सिंह के निगमायुक्त रहते इंदौर स्वच्छता में नंबर वन आया था। अब वह उज्जैन कलेक्टर हैं और उनके अनुभव का लाभ जिले को मिलेगा।
सीइओ आते नहीं, इइ दर्शन दे दो
तराना विधायक अनिल फिरोजिया ने तराना क्षेत्र में स्टॉप डैम टूटने और कहने के बाद भी दुरुस्त नहीं करने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि फाइल इधर-उधर घूम रही है। उज्जैन में अधिकारी फाइल भोपाल में होने का कहते हैं तो भोपाल वाले फाइल उज्जैन से ही नहीं आने की जानकारी देते हैं। पानी को लेकर क्षेत्र में विवाद हो रहे हैं, कभी भी लॉ एन ऑर्डर की स्थिति बन सकती है। एरिकेशन के इइ कहां है, कृपया दर्शन दे दें। उन्होंने पीएम आवास में प्रकरण निरस्त होने की शिकायत करते हुए कहा कि जिला पंचायत सीईओ को तीन वर्ष हो चुके हैं लेकिन वह कभी क्षेत्र में दौरे नहीं करत। पीएम आवास को लेकर महिदपुर विधायक ने भी भ्रष्टाचार की आशंका जताई।
प्रभारी मंत्री बोले, बैठक की गरिमा बनाए रखें
जिला पंचायत सदस्य करण कुमारिया ने पंचक्रोशी मार्ग पर पेड़ों का रखरखाव नहीं होने की समस्या बताई। जिला पंचायत उपाध्यक्ष भरत पोरवाल ने आरोप लगाया, हजारों पौधे लगाने के दावे किए जाते हैं लेकिन मौके पर पौधे नहीं मिलते। इसकी जांच होना चाहिए, यह डबरीकांड से बड़ा घोटाला बन सकता है। इस पर एक सदस्य ने कहा, डबरी कांड किसके कार्यकाल में हुआ था। पोरवाल बोले, दिग्विजयसिंहजी के कार्यकाल में हुआ था इसीलिए मैं कह रहा हूं कि शिवराजजी के कार्यकाल में कहीं पौधा कांड न हो जाए। इस पर प्रभारी मंत्री ने पोरवाल से कहा, बैठक की गरिमा बनाए रखें, इसे राजनीतिक मंच न बनाए।
थैलीसीमिया की मशीन आठ साल से बंद
स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर भी सदस्यों ने असंतोष जताया। भाजपा अध्यक्ष इकबालसिंह गांधी ने कहा, थैलिसीमिया की मशीन आठ साल से बंद पड़ी है। माधनवगर अस्पताल में सोनोग्राफी सुविधा नहीं है। यहां एम्बुलेंस भी नहीं है। यह सुविधाएं शुरू हो तो जनता को लाभ मिले। नागदा विधायक ने कहा, मशीन को लेकर मेरे ध्यानाकर्षण पर मशीन चालू होने की बात कही गई थी। महेश परमार ने डाइलिसिस मशीन बंद होने की शिकायत की। स्वास्थ्य विभाग को जल्द उक्त सुविधाएं शुरू करने के निर्देश दिए गए।
रंगा बिल्ला पर अच्छी कार्रवाई हुई
बैठक में अनाज परिवहन को लेकर कलेक्टर द्वारा की गई कार्रवाई की जनप्रतिनिधियों ने प्रशंसा की। उन्होंने कहा, रंगा-बिल्ला पर अच्छी कार्रवाई की गई है। वह तो हमारा भी फोन नहीं उठाते।
विभागों से एक सप्ताह में मांगा प्रतिवेदन
बैठक में चर्चा के बाद प्रभारी मंत्री ने निर्देश दिए कि सदस्यों ने जिस विभाग के संबंध में जो सुझाव व प्रस्ताव दिए हैं, उनको लेकर एक सप्ताह में पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। प्रभारी मंत्री ने बैठक में भावांतर, असंगठित श्रमिक योजना आदि की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा उज्जैन का जितनी तेजी से विकास हुआ है, उतना पहले कभी नहीं हुआ।
यह सुझाव व प्रस्ताव भी
विधायक यादव ने मंगलनाथ के पास स्टॉपडैम का पुनर्निर्माण, इंदौर-उज्जैन के लिए चंदेसरा से रोड निर्माण, डेंडिया, रमजानखेड़ी पर स्टॉपडेम, चिंतामण जवासिया रोटरी से अतिक्रमण हटाकर इसका नाम अहिल्याबाई रखने का प्रस्ताव दिया।
महापौर मीना जोनवाल ने अमृत योजना के साथ ही पानी की खराब लाइन का सर्वे करने, पीएम आवास के लिए पुन: सर्वे करने और शासकीय भवनों पर वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने के प्रस्ताव दिए।
परमार ने कहा, चने में किसानों की फजीहत हो रही है। लहसुन का दाम नहीं मिल रहा। ४० किलोमीटर दूर के केंद्रों के एसएमएस भेज रहे हैं। इसमें सुधार हो। नीलगाय व शुकर फसल नष्ट कर रहे हैं। रामड़ी में इन्हें रखने का स्थान बने।
विधायक शेखावत ने नागदा में स्वीकृत डैम का निर्माण व दुग्ध संघ का प्लांट स्थापित करने का प्रस्ताव दिया।
सांसद ने नरवर में छोटी पुलिया, चामला में स्टॉपडैम, बांधका में जलप्रबंधन का प्रस्ताव रखा।
नमामी देवी नर्मदे के संभाग प्रभारी केशरसिंह पटेल ने प्रभारी मंत्री को पत्र सौंप बताया, परंपरागत जलस्त्रोतों के गहरीकरण में विभाग व अधिकारी अनावश्यक अड़ंगे लगाते हैं। जनहित कार्य में बाधा उत्पन्न न हो, एेसे आदेश जारी करने की मांग की।