scriptमहाकाल फूड कोर्ट लीज पर लेने कोई नहीं आया तो नरम पड़ा नगर निगम | No one came to take on the Mahakal Food Court lease softened Municip | Patrika News

महाकाल फूड कोर्ट लीज पर लेने कोई नहीं आया तो नरम पड़ा नगर निगम

locationउज्जैनPublished: Jan 14, 2018 12:34:16 am

Submitted by:

Gopal Bajpai

लीज रेंट कम करने के साथ ऊपर निर्माण की अनुमति की शर्त जोड़ी

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उज्जैन. महाकाल मंदिर के पीछे निर्मित फूड कोर्ट को लीज पर लेने दो साल से कोई नहीं आया तो नगर निगम नरम पड़ गया। वार्षिक लीज रेंट दर में काफी कमी करने के साथ कोर्ट की द्वितीय-तृतीय मंजिल पर निर्माण की अनुमति दिए जाने के साथ अन्य शर्तों को सरल कर दिया गया। निगम ने यहां रेस्टोरेंट व अन्य व्यवसायिक प्रयोजन के लिए चौथी बार निविदा निकाल दी है। निर्गम द्वार के ठीक सामने बने फूड कोर्ट से अब तक निगम को फूटी कौड़ी प्राप्त नहीं हुई। अब देखना है कि नई शर्तों में इसे लेने कितने लोग रुचि दिखाते हैं।
सिंहस्थ पहले महाकाल मंदिर के पीछे निगम ने ८० लाख रुपए की लागत से फूड कोर्ट तैयार किया था। मंशा थी कि श्रद्धालुओं के लिए इसमें सर्वसुविधायुक्त रेस्टोरेंट व खान-पान सेवाएं मिलेगी, लेकिन दो साल में निगम संचालन ठेकादेने में नाकाम रहा। महंगी अमानत राशि, अधिक लीज दर व हवाई हक जैसी जटिलताओं के कारण ये वीरान ही पड़ा है। अब निगम ने शर्ते सरल करते हुए नई निविदा जारी की है।
६ हजार वर्ग फीट जगह, भिक्षुकों का डेरा
६ हजार वर्ग फीट में बनें इस फूड कोर्ट को ठेके पर देकर संचालित करने की प्लानिंग बनीं थी। तीन बार टेंडर हुए लेकिन जटिल शर्तों के कारण किसी ने इसे लेने में रुचि नहीं दिखाई। खाली पड़ा होने से यहां भिक्षुक व असामाजिक तत्वों का डेरा रहता है। अनदेखी में निर्माण भी पुराना सा हो गया है।
पहले क्या और अब क्या बदलाव
पहले : ३.२० करोड़ न्यूनतम अमानत राशि। निविदा में प्रस्तुत दर की ७.५ प्रतिशत वार्षिक लीज।
अब : ३.३२ करोड़ न्यूनतम अमानत राशि। नियत दर पर ०.५ प्रतिशत वार्षिक लीज।
पहले : जो किराया २२ से २४ लाख रुपए साल पर पहुंचता।
अब : वह अब १.५ से २ लाख रुपए साल पर आ जाएगा।
पहले : वार्षिक आधार पर किराया व अनुबंध करने की शर्त थीं।
अब : इसे बदलकर अब ३० साल की लीज में तब्दील किया। यानी व्यक्ति इतने साल तो उपयोग कर सकेगा।
पहल : कोर्ट के ऊपर किसी तरह के निर्माण की अनुमति नहीं थी।
अब : अब निगम से सक्षम अनुमति लेकर लीज गृहिता व्यवसायिक निर्माण कर सकेगा।
नए लीज रेंट प्रावधान व अन्य शर्तों का सरलीकरण कर पुन: निविदा जारी कर दी है। उच्चतम अमानत दर प्रस्तुत करने वाले योग्य आवेदक को फूड कोर्ट लीज पर देंगे।
सुबोध जैन, सहायक आयुक्त, ननि

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