त्रिवेणी क्षेत्र में वन विभाग विकसित कर रहा प्राकृतिक खूबसूरती से भरा सेंटर
उज्जैन•Jun 06, 2018 / 01:01 am•
Lalit Saxena
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उज्जैन. नदी का किनारा, शुद्ध हवा, आकर्षक पेड़-पौधे, पक्षियों की चहचहाट, बैंबू हट, ठहरने के लिए कॉटेज और किसी मिनी जंगल जैसा प्राकृतिक व रोमांचक माहौल… कल्पनाभर ही उत्सुक कर देती है इस अनुभूति को पाने के लिए। एेसे माहौल को जिने के लिए अब तक दूसरे चुनिंदा शहरों की ओर रुख करना पड़ता था लेकिन निकट भविष्य में उज्जैन शहरवासियों सहित बाहरी पर्यटकों को यह आनंद देगा। शहरवासी और पर्यटकों के लिए यह नई सुविधा मिलेगी इको टूरिज्म सेंटर में।
वन विभाग द्वारा इंदौररोड त्रिवेणी क्षेत्र में शिप्रा किनारे इको टूरिज्म सेंटर विकसित किया जा रहा है। करीब १० हेक्टेयर जमीन पर विकसित हो रहा यह सेंटर लघु वनक्षेत्र की कल्पना को ध्यान में रखकर तैयार किया जा रहा है। इसमें विभिन्न प्रजाति के फल व फूलदार पेड़-पौधों के साथ, कुछ इस प्रकार स्ट्रक्चर भी तैयार किया जा रहा है जो यहां आने वालों को सुविधाएं देने के साथ ही रोमांचित कर किसी सेन्चुयरी का अहसास दिलाएगा। खास बात यह कि शहरवासी स्वच्छ माहौल के बीच इसका नि:शुल्क उपयोग सुबह-शाम वॉकिंग जोन के रूप में भी कर सकेंगे। कुछ महीनों में इको टूरिज्म सेंटर के पूरी तरह तैयार होने की संभावना है।
मिलेंगे सतपुड़ा के बांस
रेंज आफिसर कृष्ण शर्मा के अनुसार ईको टूरिज्म सेन्टर में उपलब्ध व दुर्लभ वनस्पतियां लगाई जा रही हैं। इसमें 45 प्रकार के फूल, 40 प्रकार की दुर्लभ वनस्पतियां, 30 प्रकार के बरगद, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के दुर्लभ बांस सहित अन्य प्रजातियों के बांस व सैकड़ों अन्य प्रजातियों की वनस्पतियां लगाई जा रही हैं। शिप्रा नदी के तट के क्षेत्र में फैंसिंग से बाहर लगभग 800 मीटर लम्बाई में विभिन्न प्रजातियों के फलदार पौधे लगाने की योजना है। साथ ही अन्दर की ओर इतने ही क्षेत्र में मदर प्लांट लगाए जाएंगे, जिससे पर्याप्त मात्रा में विभिन्न वनस्पतियों के उच्च गुणवत्ता युक्त बीज मिल सकेंगे।
बसने लगा पक्षियों का डेरा
ईको टूरिज्म सेन्टर में विभिन्न प्रजातियों के रंग-बिरंगे पक्षियों का आना भी प्रारम्भ हो गया है। यहां कई एेसी प्रजाति के पक्षी नजर आ रहे हैं जो आम तौर पर अन्य स्थानों पर नहीं दिखते हैं। सेंटर में बनाई जा रही जल संरचनाएं इन्हें आकर्षित कर रही हैं।
इन खूबियों से भरा होगा सेंटर
पांच सुन्दर पैगोडा, बैम्बू हट, गेबियन स्ट्रक्चर, टूरिस्ट कॉटेज, बोट क्लब, हरी दलानें, क्रॉसिंग ब्रिज, ग्रीन हाउस, बच्चों के झूले, पॉली हाउस, एक किमी का वॉकिंग ट्रैक
बनेगा कैफेट एरिया
नदी किनारे पर्यटकों को खान पान की सुविधा भी मिलेगी। इसके लिए यहां आकर्षक कैफेट एरिया निर्माण प्रस्तावित है।
डेढ़ करोड़ की लागत से इस उद्यान का विकास किया जा रहा है। बारिश के बाद तक काम पूरा हो जाएगा। इसके बाद इसे आमजन के लिए खोला जाएगा।
पीएन मिश्रा, डीएफओ