scriptअब पानी बर्बाद किया तो मिलेगी यह सजा | Now the water is wasted then it will get punishment | Patrika News
उज्जैन

अब पानी बर्बाद किया तो मिलेगी यह सजा

आगामी वर्षाकाल तक पानी के दुरुपयोग और चोरी पर रोक लगाने के लिए दिए निर्देश

उज्जैनApr 16, 2019 / 12:05 am

Mukesh Malavat

patrika

Ujjain,punishment,instructions,nagda,Water wasted,

नागदा. चबंल और ग्रेसिम उद्योग के टकरावदा एवं जलवाल तालाब सबको मिला लिया जाए तो सिर्फ 60 दिन का ही पानी शेष बचा है। यह आंकड़े पीएचइ विभाग के अधिकारियों ने एसडीएम आरपी वर्मा द्वारा जलसंकट से निपटने के लिए सोमवार को बुलाई गई बैठक में प्रस्तुत किए है। बैठक का आयोजन एसडीएम कार्यालय पर किया गया था, जिसमें सभी सबंधित विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारियों ने भाग लिया। बैठक में पीएचइ की तरफ से जो आंकड़े पेश किए गए है उसके मुताबिक चंबल एवं तालाबों में मात्र 161 एमसीएफटी पानी शेष बचा है। प्रतिदिन की खपत 2.30 एमसीएफटी बताई गई है, जिसमें नागदा, खाचरौद और रेलवे के पेयजल आपूर्ति में 0.80 एमसीएफटी पानी, वाष्पीकृत एवं वेस्टेज पानी की मात्रा 0.40 एवं उद्योगों की उत्पादन प्रक्रिया में 1.20 एमसीएफटी पानी खर्च होने की बात कही गई है। इस हिसाब से वर्तमान में जो पानी चबंल और तालाबों में मौजूद है वह सिर्फ 60 दिनों तक ही शहरवासियों की प्यास को बुझा सकता है।
पानी की कमी को देखते हुए एसडीएम वर्मा ने ग्रेसिम और सबंधित अधिकारियों को सख्त से सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए है। एसडीएम ने ग्रेसिम के अधिकारियों को साफ किया कि उन्हें किसी भी कीमत पर पेयजल के लिए 30 जून तक का पानी उपलब्ध रखना होगा। अगर इसके लिए उद्योग को बंद करना पड़े तो उसके लिए भी वह तैयार रहें। अगर पानी की कमी हुई तो इसकी पूरी जिम्मेदारी ग्रेसिम की होगी। इसके अलावा एसडीएम ने रेलवे और नपा को भी पानी के अपव्यय को रोकने के लिए ठोस निर्णय लेने के निर्देश दिए हैं। पानी का दुरुपयोग करने पर होगी जुर्माने की कार्रवाई एसडीमएम वर्मा ने नगर पालिका के सीएमओ को शहर में पानी के अपव्यय होने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए है। एसडीएम ने कहा है कि नगरपालिका पानी के अपव्यय करने वालो के खिलाफ सख्ती से पेश आए। इसके लिए एक टीम का गठन करें और ऐसे लोगों पर कार्रवाई करें जो पानी का दुरूपयोग कर रहे हंै। एसडीएम वर्मा ने पानी ढोलने या उसका अपव्यय करने वालो के खिलाफ पहली बार पकड़े जाने पर 250 रुपए अर्थ दंड की कार्रवाई करने एवं दूसरी बार पकड़े जाने पर उसके घर का नल कनेक्शन विच्छेद करने की कार्रवाई के निर्देश दिए है। इसके अलावा अगर पानी की बर्बादी करते शहर का कोई नामदार पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई के साथ उसका प्रचार-प्रसार कर उसकी छवि धूमिल करने के निर्देश एसडीएम ने नपा अधिकारियों को दिए हंै।
चबंल से चोरी हो रहे पानी को रोकने के लिए भी टीम का गठन: बैठक में सबसे कड़ा फैसला नदी से पानी चोरी करने वाले एवं रेत धोने वालों के खिलाफ लिया गया है। एसडीएम वर्मा ने ऐसे करते पाए जाने वाले के खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई के अलावा जलपरिरक्षण की धारा 3 के अतंर्गत कार्रवाई के भी निर्देश सबंधित अधिकारियों को दिए है। इतना ही नहीं रेत धुलाई करते अगर कोई पकड़ा गया तो उसके खिलाफ खनिज अधिनियम के तहत भी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें आरोपी को जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है। एसडीएम ने क्षेत्र में जलपरिरक्षण अधिनियम को सख्ती से लागू करने के लिए तहसीलदार की अगुवाई में टीम का गठन किया है जिसमें पुलिस, राजस्व, नगर पालिका एवं पीएचइ विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारीयों का शामिल किया गया है। जो चंबल से हो रहे पानी चोरी करने वालों को पकडं़ेगे और उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे।
जिन नलों में टोंटी नहीं वहां नपा लगाएगी
सबसे अधिक पानी की बर्बादी सार्वजनिक नलों में टोटीयां नहीं होने के कारण हो रहा है। पानी की बर्बादी को रोकने के लिए बैठक में तय किया गया है कि नगर पालिका बिना टोटी वाले सार्वजनिक नलों में टोटीयां लगाए। खास तौर पर बिरलाग्राम स्थित टापरी क्षेत्र में जहां नपा ने घर-घर पर नल कनेक्शन दिए गए है। लेकिन इन क्षेत्रों की किसी भी टापरी में पानी स्टोरेज करने की व्यवस्था नहीं होने एवं नलो में टोटीयां भी नहीं होने से सबसे अधिक इन्ही क्षेत्रों में पानी की बर्बादी हो रही है। जिसको रोकने के लिए नपा प्रत्येक नल में वॉल लगाने का निर्णय लिया गया है।
रेलवे को भी पानी के अपव्यय पर देना होगा ध्यान
एसडीएम वर्मा ने बैठक में शामिल रेेलवे के अधिकारी को भी पानी की बर्बादी पर रोक लगाने के निर्देश दिए है। वर्मा ने सबंधित अधिकारी से कहा है कि नियमित यात्री ट्रेन जिनका नागदा में स्टॉपेज है। इसके किसी भी अतिरिक्त ट्रेन को पानी नहीं दिया जाएगा। इसके अलावा यह भी सुनिश्चित किया जाए की ट्रेनों में पानी भरने वाले पाइप लाइन से पानी की बर्बादी नहीं हो। अगर ऐसा होता पाया गया तो रेलवे के पानी में कटोती की जाएगी। जलसंकट से जूझ रहे गांवों को पीने का पानी उपलब्ध कराया जाएगा। वर्तमान में क्षेत्र के कई ऐसे गांव है उदाहरण के तौर पर रठड़ा, रानी पिपल्या स्थित बंजारा डेरा जहां के ग्रामीणों को जलसंकट का सामना करना पड़ रहा है। बैठक में तय किया गया कि पीएचइ के अधिकारी जलसंकट वाले गांवों को चिह्नित कर वहां पीने का पानी उपलब्ध कराने की व्यवस्था करें। इसके लिए परिवहन के माध्यम से पानी की आपूर्ति करना पड़े या फिर निजी जलस्त्रोतों को अधिग्रहण करना पड़े जो कुछ करना पड़े अधिकारी तत्काल कार्रवाई करें।

Home / Ujjain / अब पानी बर्बाद किया तो मिलेगी यह सजा

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो