इनकी संख्या करीब 50 थी। यह देख विद्यार्थी सहम गए। चंद विद्यार्थियों के अलावा किसी ने नारेबाजी में साथ भी नहीं दिया। विद्यार्थियों के बुलाने पर प्रभारी कुलसचिव डीके बग्गा विद्यार्थियों से चर्चा करने पहुंचे और ज्ञापन लिया। ज्ञापन देने वालों के एनएसयूआइ के आयुष शुक्ला, नीलेश मेहरा, पलकेश सोनी, भूपेन्द्र सिंह, लखन चौहान, भावेश मेहर, सौरभ यादव, अंकित लालावत, अमन रघुवंशी, कृष्णपाल सिंह राजपूत, निहार शाह, रवि कंडारिया, शंकर बना, मुकुल घुरैया विष्णु चौहान आदि उपस्थित रहे।
बुलाने पर भी नहीं दिखाई मार्कशीट
ज्ञापन देने के लिए पहुंचे आम विद्यार्थी पुलिस को देखकर काफी डर गए। एनएसयूआइ के प्रमुख पदाधिकारियों ने विद्यार्थियों को आगे आकर अपनी मार्कशीट दिखाने के लिए कहा, लेकिन कई बार बुलाने पर कोई भी विद्यार्थी आगे नहीं आया। बता दें, विक्रम विवि प्रशासनिक भवन में एनएसयूआइ के जिलाध्यक्ष व प्रदेश महासचिव को अकारण जमकर पीट डाला। यह मामला काफी विवादों में रहा।
भय में है विवि प्रशासन
विक्रम विवि प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार से संंबंधित कई जांच लंबित है। हाईकोर्ट से किताब खरीदी की जांच के लिए राजभवन व उच्च शिक्षा विभाग को ३० दिन का आदेश दिया है। इसी के साथ कैम्पस में लगातार रहस्मय ढंग से चोरी व अन्य घटना हो रही है। विद्यार्थी भी अपनी समस्याओं को लेकर लगातार परेशान है।