बंदूक किसकी…कार्रवाई से गायब हो गया
विक्रम विवि में कार्यपरिषद की बैठक के दौरान महिद्पुर निवासी विशी सिंह गांधी और एबीवीपी कार्यकर्ता शालिनी वर्मा बंदूक लहराते हुए नजर आए। उनके द्वारा तैयार किया गया वीडियो सोश्यल मीडिया पर वायरल हुआ। तो हंगामा खड़ा हो गया। एनएसयूआई ने बंदूक प्रकरण की जांच कर कार्रवाई की मांग की। तीन दिन तक विवि प्रशासन मौन रहा। जब मामले ने तूल पकड़ा। तो माधव नगर को एक पत्र भेजा। इस पत्र के आधार पर दोनों आरोपी के खिलाफ 188 में कार्रवाई की। यह धारा आदेश का उल्लंघन करने से संबंधित है। जबकि खुलेआम कैम्पस में बंदूक कैसे आई। बंदूक किसकी थी। यह बिंदू कार्रवाई से गायब हो गए।
आम्र्स एक्ट में कार्रवाई की मांग
युवक कांग्रेस के अध्यक्ष चंद्रभान सिंह चंदेल, आईटी सेल के साहिल देहलवी, संचित शर्मा ने कुलपति डॉ. बालकृष्ण शर्मा को घटना के बाद तत्काल तीन बिंदु का ज्ञापन दिया। इसमें बदूंक लहराने वालों पर कार्रवाई, बंदूक के संबंध जांच और शास्त्र का लायसेंस निरस्त करने की मांग शामिल थी। इधर, तीन दिन बाद एनएसयूआई के पदाधिकारियों ने कुलसचिव डीके बग्गा को शिकायत सौंपी। इसे विवि प्रशासन ने माधव नगर को भेज दिया। इसी के आधार पर प्रकरण दर्ज हुआ। इसके बाद विरोध शुरू हो गया।
एबीवीपी पदाधिकारी भी पहुंचे विवि
एबीवीपी पदाधिकारी बुधवार को विवि पहुंचे। उन्होंने डीके बग्गा से एक घंटे से ज्यादा समय तक चर्चा की। एबीवीपी पदाधिकारियों ने विवि से सीसीटीपी फुटेज प्राप्त कर लिया। इसी के आधार पर वह दावा कर रहे है कि बंदूक एबीवीपी पदाधिकारी नहीं आया। इधर, विवि प्रशासन का कहना है कि बंदूक कोई भी लेकर आया। किसी के शास्त्र को ऐसे लहराना अनुचित है। अगर अप्रिय घटना होती। तो जिम्मेदार कौन होता।
इनका कहना है।
विवि प्रशासन के द्वारा घटना की जांच के लिए माधव नगर पुलिस को पत्र भेजा है।
डीके बग्गा, कुलसचिव।