यह गैलरी रशिया के जार्जिया शहर में १४ से २२ सिंतबर तक आयोजित हो रही है। भारत और रूस के बीच संधि के २५ वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर आयोजित इस फोटो फेस्टीवल में जर्मनी, ईरान, अफगानिस्तान एवं रूस के कई फोटोग्राफर व आर्टिस्टों की तस्वीरों को दर्शाया गया है। खास बात यह है, कि फोटो फेस्टीवल में भारत से एक मात्र फोटोग्राफर सुरेश पंजाबी की तस्वीरों को जगह मिली है।
राष्ट्रीय स्तर पर भी जीत चुके हैं अवार्ड: आर्टिस्ट पंजाबी की जिन तस्वीरों को राष्ट्रय व अंतराष्ट्रीय स्तर पर सराहा जा रहा है, उनमें से ज्यादातर तस्वीरें १९८० के दशक में खिंची गई ब्लैक एंड व्हाइट फोटो है। जिसमें भारत की ग्रामीण एवं लोक संस्कृति के दर्शन होते है। यही कारण है, कि वर्ष २०१३ में दिल्ली के प्रगति मैदान में आर्ट हैरीटेज नामक प्रर्दशनी में एक मात्र नागदा के आर्टिस्ट सुरेश पंजाबी की तस्वीरों को ही स्थान मिला था। आयोजकों ने पंजाबी को सवा लाख रुपए राशि से पुरस्कृत भी किया गया था। इसी प्रकार २०१६ में चेन्नई वल्र्ड वाईज गैलरी में भी भारत के अलावा चाईना, पौलेंड, स्पेन, जर्मनी, फ्रांस सहित सात देशों के बेस्ट फोटोग्राफरों द्वारा खिंची गई तस्वीरों को प्रर्दशनी के रूप में रखा गया था।
लंदन में लिखी गई किताब
नागदा के आर्टिस्ट सुरेश पंजाबी की तस्वीरों को देखकर लंदन के लेखक किस्टोफर पिन्नी तो इतने प्रभावित हुए कि, उन्होंने पंजाबी पर एक किताब ही लिख डाली। जिसका नाम आर्टिशन कैमरा है। उक्त किताब में १९८० व इसके पूर्व फोटोग्राफी की तकनीक एवं संघर्ष की कहानी लिखी गई है। किताब लंदन की लाइब्रेरी में पाठकों के लिए रखी गई है। साथ ही पंजाबी की कई दुलर्भ तस्वीरों को छापा गया है।