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उज्जैन

इस सरकारी कॉलेज में पढ़ाई से पहले प्रोफेसर को लगाना पड़ती है झाडू

शासकीय महाविद्यालय में सभी फैकल्टी तो शुरू कर दी गई, लेकिन मूलभूत सुविधाएं नहीं जुटाई गईं। आश्चर्य का विषय है कि कॉलेज में भृत्य की नियुक्ति नहीं की गई है जिससे सफाई व्यवस्था ध्वस्त है।

उज्जैनDec 11, 2019 / 12:50 am

Ashish Sikarwar

Professor has to sweep before studying in this government college

शासकीय महाविद्यालय में सभी फैकल्टी तो शुरू कर दी गई, लेकिन मूलभूत सुविधाएं नहीं जुटाई गईं। आश्चर्य का विषय है कि कॉलेज में भृत्य की नियुक्ति नहीं की गई है जिससे सफाई व्यवस्था ध्वस्त है।

माकड़ौन. शासकीय महाविद्यालय में सभी फैकल्टी तो शुरू कर दी गई, लेकिन मूलभूत सुविधाएं नहीं जुटाई गईं। आश्चर्य का विषय है कि कॉलेज में भृत्य की नियुक्ति नहीं की गई है जिससे सफाई व्यवस्था ध्वस्त है। यहां तक कि स्वयं शिक्षक एवं प्रोफेसर झाडू लगा रहे हैं। अभाविप के बलवानसिंह राजपूत ने बाताया शासकीय महाविद्यालय में सभी फैक्लटी शुरू हो गई है। 310 से अधिक विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, परंतु कॉलेज की स्थापना से ही भृत्य का पद खाली है। इससे चार हॉलनुमा कमरों में सफाई नहीं हो पा रही है। इन्हीं कमरों में लैब आदि की भी व्यवस्था है। अव्यवस्था का आलम यह है कि छात्रों एवं स्वयं प्रोफेसरों को झाडू लगाना पड़ रही है विक्रम विवि द्वारा महाविद्यालय को परीक्षा के लिए केंद्र नहीं बनाया गया है। इससे विद्यार्थियों को अन्य केंद्रों पर जाना पड़ेगा। इससे धन एवं श्रम की हानि होगी। इसको देखते हुए इसी सत्र से यहां पर केंद्र खोलकर परीक्षाएं संचालित की जाएं।
क्विज स्पर्धा में विद्यार्थियों ने दौड़ाए दिमागी घोड़े
खाचरौद. द वर्धमान हाईट्स इंटरनेशनल स्कूल में सामान्य ज्ञान स्पर्धा हुई। इसमें छठवीं से 11वीं तक के तीन-तीन विद्यार्थियों का चयन किया गया। फाइनल के लिए 18 विद्यार्थियों में से 6-6 की तीन टीमें वायु, अग्नि तथा जल नाम से बनाई। इन्होंने स्पर्धा में दिमागी घोड़े दौड़ाए। स्पर्धा तीन राउंड में हुई। पहला जनरल रहा। इसमें हर टीम से 15-15 प्रश्न पूछे गए। दूसरा ‘बजर हिटÓ रहा। इसमें माइनस मार्किंग थी। तीसरा और फाइनल राउंड रैपिड फास्ट रहा। प्रत्येक टीम से 2-2 मिनट तक लगातार प्रश्न पूछे गए। वायु टीम विजयी रही। मेहुल पोपंडिया, वेदांत मंडावलिया, नंदन माली, यशराज धाकड़, प्रिंस धाकड़ तथा तन्वी चंडालिया शामिल थीं।
संस्था डायरेक्टर्स ललित कांकरिया, वैभव बुपक्या एवं बालेश बुपक्या ने बच्चों के सामथ्र्य को खूब सराहा। प्राचार्य सीलेश शर्मा एवं सहा. प्रचार्य राजकुमार सेजवार ने सभी को बेहतरीन सामान्य ज्ञान के लिए प्रशंसा की। संचालन रवींद्र पंवार ने किया। नीतेश जैन ने स्कोर बोर्ड चलाया।

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