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उज्जैन

एेसे हालात के बीच स्कूल बना रहे प्रवेशोत्सव 

विडंबना – बच्चों का रुझान पढ़ाई में बढ़ाने के साथ स्कूलों में सुविधाओं की अनदेखी कर रहा शिक्षा विभाग

उज्जैनJun 16, 2016 / 09:18 am

नागडा डेस्क

toilets

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नागदा. नया शिक्षा सत्र गुरुवार से शुरू हो रहा है। शिक्षा विभाग के अधिकारी उज्जैन शहर को छोड़कर नागदा-खाचरौद विकासखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों की उपस्थिति प्रतिशत बढ़ाने के लिए सर्वे में जुटे हैं, लेकिन विड़बना यह है कि जिन स्कूलों के लिए बच्चों को बुलाने की कवायद चल रही है, वहां पानी सहित अन्य मूलभूत सुविधाएं हैं ही नहीं। एेसे में बच्चे गर्मी में परेशान होंगे। ये स्कूल हैं रोहलखुर्द, रूपेटा, बछोड़ा व निंबोदियाकलां प्रावि। 

hand pump
सुविधाघर भी जर्जर
विकासखंड के सरकारी स्कूलों के अधिकांश सुविधाघर देखरेख व अधूरे निर्माण के चलते जर्जर हैं। जिला मुख्यालय के अधिकारियों का तर्क है, स्कूलों द्वारा निर्माण संबंधी बजट मांगे जाने पर हर साल राशि स्कूल या संबंधित पंचायत को दी जाती है। निर्माण संबंधी निरीक्षण बीआरसी के इंजीनियर करते हैं।


7 दिन तक आयोजन
प्रवेशोत्सव 16 जून से मनेगा। इसमें 7 दिन तक सभी स्कूलों में शिक्षा विभाग द्वारा जारी वार्षिक कैलेंडर के अनुसार विभिन्न सांस्कृतिक और खेलकूद गतिविधियां होंगी। ताकि शिक्षा के प्रति ग्रामीण बच्चों की रुचि बढ़ सके। इस दौरान पालक, रहवासी, जनप्रतिनिधियों और पूर्व विद्यार्थियों को भी गतिविधियों से जोडऩे का प्रयास किया जाएगा। प्रवेशोत्सव में अनुपस्थित बच्चों से संपर्क कर रोजाना स्कूल आने के लिए प्रेरित भी किया जाएगा। एक जुलाई 2016 तक सभी शाला पहुंचने वाले बच्चों की उपस्थिति दर्ज होने का ब्योरा ग्रामसभा के दौरान सार्वजनिक किया जाएगा।


पानी नहीं मिलता तो बच्चे होंगे परेशान
सिविल अस्पताल के प्रभारी डॉ. कमल सोलंकी के अनुसार इन दिनों जिस तरह से तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है उसमें बच्चों को पर्याप्त मात्रा में पेयजल पीना चाहिए। 37 डिग्री के तापमान या उससे ज्यादा तापमान पर 5 से लेकर 10 वर्ष के बच्चों को करीब 1 लीटर पानी की जरूरत होती है। पर्याप्त मात्रा में पीने का पानी नहीं मिलने पर बच्चों को डिहाइड्रेशन हो सकता है। इसलिए यज जरूरी है कि बच्चे लगातार पानी पीते रहें।

शाला त्यागी बच्चों की सूचना डीपीसी को
रोजगार या किसी कारणों से विकासखंड से पलायन करने वाले परिवारों व बच्चों की जानकारी समग्र शिक्षा पोर्टल पर जारी करने की जिम्मेदारी 2016 से जिला परियोजना समन्वयक को सौंपी गई है। पलायन कर चुके बच्चों को स्कूल पहुंचाने का जिम्मा उस शिक्षाधिकारी का होगा जहां पर बच्चे व परिजन पलायन कर पहुंचे। इसलिए बच्चों की जानकारी भोपाल मुख्यालय के निर्देशानुसार समग्र शिक्षा पोर्टल पर सार्वजनिक की जाएगी।

हैंडपंप दिखवाए जाएंगे
 स्कूलों की हालत व पेयजल व्यवस्था की जानकारी शिक्षा विभाग के इंजीनियर देते हैं। जहां हैंडपंप खराब उन्हें दिखवाया जाएगा। 16 जून से प्रवेशोत्सव मनेगा।
दीपक हलवे, डीपीसी
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