भगवान महाकाल को सवा लाख लड्डुओं का भोग
भगवान महाकाल को सवा लाख लड्डुओं का भोग लगाए जाने की करीब ३५ साल पुरानी परंपरा इस वर्ष भी निभाई जाएगी। 15 अगस्त को यह आयोजन भव्य पैमाने पर होगा। पहले जनसहयोग से आयोजन होता था, लेकिन बीते कुछ वर्षों से भस्म आरती पूजन करने वाले परिवार की ओर से इसे निभाया जा रहा है। इस बार पुजारी अमर गुरु की भस्म आरती पूजन चल रही है, इसलिए उन्हीं के द्वारा लड्डुओं का महाभोग अर्पण किया जाएगा।
चार दिन पहले तैयार करना पड़ती है प्रसाद
सवा लाख लड्डुओं को बनाने के लिए करीब चार दिन पहले से तैयारियां शुरू हो गई हैं। महाकाल धर्मशाला के बरामदे में टेंट लगाकर लड्डू बनाने का कार्य जारी है। कुछ लड्डू तैयार भी हो गए हैं, जिन्हें धर्मशाला के ही कमरों में रखा गया है।
ये सामग्री लगती है सवा लाख लड्डू बनाने में
– ७०-८० डिब्बे शुद्ध घी
– ४० किलो शकर, रवा और बेसन
– १५-२० किलो ड्रायफ्रूट्स
नोट- इसके अलावा टेंट, मंच, फ्लॉवर डेकोरेशन, विद्युत सजावट आदि को मिलाकर कुल खर्च ७ से ८ लाख का पड़ता है, जैसा कि मंदिर से जुड़े पुजारियों ने बताया।
भाई की कलाई पर बहनों का प्यार
भाई की कलाई पर बहनों का प्यार सजाने का त्योहार रक्षाबंधन 15 अगस्त को मनाया जाएगा। बहन-भाई के स्नेह की रेशमी डोर इस बार बाजार में पिछले वर्ष की तुलना में सस्ती है। चायना को लोग नापसंद कर रहे और हाथों-मशीनों से बनी हुई राखियों की डिमांड अधिक है।
शहर के बाजार रंगबिरंगी राखियों से सजकर तैयार
शहर के बाजार रंगबिरंगी राखियों से सजकर तैयार हैं। वहीं बच्चों के लिए स्पेशल खिलौना राखियां भी आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। बड़ों के लिए डायमंड और अन्य सजावटी वस्तुओं से तैयार राखियां 5 से लेकर ५०० रुपए तक बिक रही हैं। फ्रीगंज, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, कोयला फाटक सहित शहर के विभिन्न क्षेत्रों में राखी त्योहार की चहल-पहल नजर आ रही है। साडिय़ों और रेडीमेड कपड़ों की दुकानों पर भी भीड़ नजर आ रही है। अपने भाई के साथ राखी पसंद करने आई मुस्कान गोयल ने अपने भाई के लिए घड़ी वाली राखी पसंद की। व्यापारी विशाल आकोदिया, रॉकी, संतोष मांगोलिया तथा अर्पिता परिहार ने बताया कि खुली राखियां ५ से २० रुपए की हैं, वहीं डायमंड की राखियां ३० से ५० रुपए में बेची जा रही हैं।