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उज्जैन

कठोर सजा भुगत रहे जूना नागदा के रहवासी

इंतजार के बावजूद नहीं मिल पाता पर्याप्त पानी

उज्जैनJun 06, 2018 / 06:14 pm

Gopal Bajpai

patrika

कठोर सजा भुगत रहे जून नागदा के रहवासी

नागदा। शहर के जूना नागदा क्षेत्र के रहवासी सालों से जलसंकट की परेशानी जूझ रहे हैं। क्षेत्र की आबादी भले ही कम हो, लेकिन पेयजल की मशक्कत किसी संघर्ष से कम नजर हीं आती। ग्रीष्म ऋतु चरम पर है और क्षेत्र में जलसंकट ने रहवासियों का जीना दुबर कर रखा है। रहवासियों का तर्क है कि क्षेत्र में पेयजल का एकमात्र सहारा नगर पालिका के टैंकर ही है। नगर पालिका द्वारा तीन दिनों में एक बार टैंकरों से जलापूर्ति की जाती है। पेजयल की समस्या से निजात दिलाने के लिए नगर पालिका ने क्षेत्र में पेयजल के लिए कोई उपाय किए ही नहीं।
क्या है परेशानी
दरअसल शहर के अंतिम छोर पर बसे जूना नागदा के रहवासियों को जलसंकट का सामना करना पड़ रहा है।रहवासियों का तर्क है, कि स्वच्छता मिशन को लेकर नगर पालिका अध्यक्ष अशोक मालवीय व विधायक दिलीपसिंह शेखावत ने शहर के सभी वार्डों का निरीक्षण कर परेशानियों को जाना, लेकिन हमारे क्षेत्र में कोई जनप्रतिनिधि झांकने तक नहीं आया। क्षेत्र के लोग नौकरी चाकारी छोड़कर सबसे पहले पेयजल जुटाते है। उसके बाद अपने दैनिक कार्यों पर पहुंचते हैं।
तीन दिनों में एक दिन पहुंचता है टैंकर
क्षेत्र के रहवासियों के अनुसार नगर पालिका द्वारा पेयजल को लेकर केवल टैंकरों से पानी भेजा जाता है। वह भी तीन दिनों में एक बार। टैंकरों से पेजयल पहुंचाने वाले चालक दो मिनट से अधिक समय नहीं रूकते। परेशानी तब खड़ी होती है, जब टैंकर चालक बायपास मार्ग से ही लौट जाता है। रहवासियों का कथन यह भी है, उक्त भूमि हमारे द्वारा रजिस्ट्री कर खरीदी गई। हम सभी नगरीय प्रशासन के अंतर्गत है। बावजूद इन सबसे हमें बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं।

सालों से जलसंकट
क्षेत्र में स्थाई नल कनेक्शन मौजूद ही नहीं है। सालों से नगर पालिका ने क्षेत्र में पेयजल के लिए कोई उपाय किए ही नहीं। क्षेत्र के रहवासी सालों से नपा द्वारा तीन दिनों में एक बार भेजे जाने वाले पानी के टैंकरों पर निर्भर रहते हैं। क्षेत्र के लोग पेयजल के लिए समीप के गांवों से मौजूद जलस्त्रोतों से पानी लाते हैं।
मंजू पति बालू , रहवासी

नहीं पहुंचे जनप्रतिनिधि
स्वच्छता मिशन को लेकर नगर पालिका अध्यक्ष अशोक मालवीय व विधायक दिलीपसिंह शेखावत ने शहर के सभी वार्डों का निरीक्षण कर परेशानियों को जाना, लेकिन हमारे क्षेत्र में कोई जनप्रतिनिधि झांकने तक नहीं आया। पेयजल समस्या को लेकर कई बार नगर पालिका में शिकायत की गई, लेकिन निराकरण नहीं निकल पाया।
उमा पति सुरेश, रहवासी


चूला चौका भी दोपहर बाद
टैंकरों के इंतजार में घर का चूला चौका भी दोपहर बाद करना पड़ता है। बच्चों को स्कूल के लिए तैयार करने के बाद ही दूसरा सबसे महत्वपूर्ण काम नपा के टैंकरों से पानी निकालना होता है। उसके बाद ही कोई काम हो पाता है। टैंकरों के इंतजार में घरेलु कार्य हो ही नहीं पाते, कपड़े धोने के लिए सप्ताह भर तक पानी स्टोर कर रखना पड़ता है।
पेमल पति मुकेश, रहवासी


बायपास से लौट जाता है टैंकर
क्षेत्र के रहवासियों के अनुसार नगर पालिका द्वारा पेयजल को लेकर केवल टैंकरों से पानी भेजा जाता है। वह भी तीन दिनों में एक बार। टैंकरों से पेजयल पहुंचाने वाले चालक दो मिनट से अधिक समय नहीं रूकते। परेशानी तब खड़ी होती है, जब टैंकर चालक बायपास मार्ग से ही लौट जाता है। कई बार पानी भरते समय आपसी मतभेद की स्थिति निर्मित होती है।
मंजू पति राधेश्याम, रहवासी


क्षेत्र में आवश्यकता के अनुसार टैंकरों से जलप्रदाय किया जाता है। मामले में रहवासियों को नगर पालिका कार्यालय पहुंचकर परेशानी संज्ञान में दिलवाना चाहिए। क्षेत्र के लोगों के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।
अशोक मालवीय
अध्यक्ष, नगर पालिका

 

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