स्वच्छता सर्वेक्षण लिग-२०२० की दौड़ में शामिल नगर निगम ने इस वर्ष गीले कचरे से घर में ही खाद बनाने की नई पहल शुरू की है। शहरवासियों को इसके लिए प्रेरित करने से पूर्व निगम प्रशासन ने यह व्यवस्था अपने अधिकारियों के घर से शुरू करने का निर्णय लिया है। इसके अंतर्गत प्रथम चरण में प्रमुख अधिकारी-कर्मचारियों को गीला कचरा अपने घर में रखने और पीट बॉक्स का उपयोग कर इसकी खाद तैयार करने का कहा गया है। कुछ अधिकारियों ने अपने घर के गीले कचरे से खाद बनाना शुरू भी कर दिया है। हालांक पीट बॉक्स लेने वाले सभी अधिकारी-कर्मचारी एेसा कर रहे हैं, इसको लेकर फिलहाल निगम प्रशासन की ओर से पड़ताल या समीक्षा नहीं हुई है। एेसे में निगमायुक्त के निर्देश का पूरी तरह पालन हो रहा है, इसको लेकर संशय है।
एक घर में दो बॉक्स, 80 ने लिए
घर में सब्जी, वृक्षों के पत्ते आदि के गीले कचरे से घर में ही खाद तैयार करने के लिए निगम द्वारा अधिकारी-कर्मचारियों को पीट बॉक्स भी उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। एक व्यक्ति को दो बॉक्स दिए जा रहे हैं जिनकी कुल कीमत ९०० रुपए है। पहले एक बॉक्स में गीला कचरा जमा किया जाता है। इसके पूरी क्षमता से भरने के बाद इसमें रखे गीले कचरे को खाद में तब्दील होने के लिए छोड़ दिया जाता है। पहले बॉक्स में खाद तैयार हो, जब तक दूसरे बॉक्स में गीला कचरा एकत्र किया जाएगा। एक बॉक्स में एक महीने में करीब १० किलो खाद तैयार हो सकेगी।
एेसे तैयार होती है खाद
– ढक्कन वाले पीट बॉक्स में गीला कचरा जमा किया जाता है। कचरा दबाने के लिए छिद्र वाली प्लास्टिक प्लेट लगा पाइप भी होता है। इसके जरिए गीले कचरे का ऊपर से दबाया जा सकता है।
– बॉक्स के नीचे नल दिया लगा है, जिसके जरिए गीले कचरे में शामिल अतिरिक्त पानी बॉक्स से बाहर निकाला जा सकता है।
– सामान्य स्थिति में १०-१५ दिन गीला कचरा जमा किया जाता है।
– पीट बॉक्स गीले कचरे से भरने के बाद इसे १०-१५ दिन के लिए अलग रख दिया जाता है। – इस दौरान बीच-बीच में गीले कचरे को पलटाना होता है। २० दिन में पीट बॉक्स में गीला कचरा खाद में तब्दील हो जाता है जिसका उपयोग घर के पेड़-पौधों में किया जा सकता है।
– जब तक पहले पीट बॉक्स में कचरे से खाद बने, उस दौरान दूसरे बॉक्स में घर से निकल रहे गीले कचरे को जमा करें और फिर उसे खाद तैयार होने के लिए अलग रख दें।
यह काफी आसान तरीका है नगर निगम उपायुक्त संजेश गुप्ता करीब एक पखवाड़े से घर के गीले कचरे का घर में ही रख खाद बनाने में उपयोग कर रहे हैं। उनकी पत्नी मधु गुप्ता बताती हैं, दिन में दो-तीन बार गीला कचरा निकलता है जिसे वे पीट बॉक्स में एकत्र कर देती है। उनके घर के एक बॉक्स में कचरे से खाद की प्रोसेसिंग चलते ८-१० दिन हो चुके हैं। वे कहती हैं, यह काफी आसान तरीका है।